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________________ सप्टेम्बर - २०१७ ७१ - पहेले समये दण्ड, बीजे समये कपाट, त्रीजे समये मन्थान अने चोथे समये आंतरा पूरीने लोकव्यापिता. पछीना चार समयमां ते प्रतिलोम (ऊलटा) क्रमे संकोचाईने आठमा समयमा स्वभावस्थ थाय छे. आनाथी जुदी रीते भाषाद्रव्यो त्रीजा ज समये सकल लोकमां व्याप्त थई जाय छे - पहेले समये दण्ड, बीजे समये मंथान अने त्रीजे समये आंतरा पूरीने लोकव्यापिता. (जुओ विशेषावश्यकमहाभाष्य - गाथा ३८४-३८५). प्रश्न ओ थाय के अचित्तमहास्कन्ध केम त्रीजे समये लोकव्यापी नथी बनी जतो? अने अने लोकव्यापी बनवामां जो चार समय लागता होय तो भाषाद्रव्योने त्रण ज केम? आनो उत्तर विशेषावश्यक-महाभाष्य-गाथा ३९४ अने तेनी मलधारी श्रीहेमचन्द्रसूरिजी विरचित वृत्तिमां आ रीते अपायो छे - "खंधो वि वीससाए न पराघाओ य तेण चउसमओ । अह होज्ज पराघाओ हविज्ज तो सो वि तिसमइओ ॥" - "स्कन्धोऽचित्तमहास्कन्धः सोऽपि विस्रसया केवलेन विस्रसापरिणामेन भवति, न तु जीवप्रयोगेण । विस्रसापरिणामश्च विचित्रत्वाद् न पर्यनुयोगमर्हति । किञ्च, न तत्र पराघातोऽस्ति, नाऽन्यद्रव्याणामात्मपरिणाममसौ जनयतीत्यर्थः, किन्तु स निजपुद्गलैरेव लोकं पूरयति । ततोऽसौ चतुःसमयो भवति । अथ तत्राऽपि पराघातो भवेत्, ततः सोऽपि त्रिसामयिको भवेत्-त्रिभिरेव समयैर्लोकमापूरयेदित्यर्थः । न चैवं, सिद्धान्ते चतुःसमयत्वेन तस्योक्तत्वात् । तस्माद् नाऽस्ति तत्र पराघातः । अत्र त्वस्त्यसौ इति वैषम्यम् । आनुं तात्पर्य ओम समजाय छे के अचित्तमहास्कंध मात्र विस्रसा प्रयोगथी ज थाय छे, जीवनो प्रयोग अमां बिलकुल होतो नथी. ज्यारे भाषाद्रव्यो साथे तो जीवप्रयोग जोडायेलो छे. ज्यां प्रयोग छे त्यां प्रश्न थई शके. विस्रसा परिणाम तो विचित्र होवाथी अपर्यनुयोज्य(-प्रश्नातीत) ज होय छे. माटे अचित्तमहास्कन्धमां चोथा समये लोकव्यापिता केम तेवो प्रश्न ज न करी शकाय, अने करीओ तो विस्त्रसा परिणाम ओ ओक ज तेनो जवाब होय. ____ अथवा बीजी रीते पण आनुं समाधान शक्य छे. प्रबळ प्रयत्ने मुकायेलां भाषाद्रव्यो प्रथम समये छ दिशामां लोकान्त सुधी पहोंचनारा जे छ दण्ड रचे,
SR No.520574
Book TitleAnusandhan 2017 11 SrNo 73
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages86
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size6 MB
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