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अनुसन्धान-७२
कुमारदेवीना पियरपक्षनो परिचय --
प्राग्वाट सामन्त आमदत्त
शान्ति
नागड
ब्रह्मनाग
आभू → लक्ष्मी (पत्नी)
आमदत्त
धनपाल पूर्णपाल महिपाल कुमारदेवी(बहेन)
शत्रुञ्जयाधिकार
राजा विक्रमादित्यना (वि.सं.) १२७०मा वर्षथी प्रारम्भी चौलुक्यवंशना मन्त्री वस्तुपाले शत्रुञ्जय विगेरे गामोमां घणां सत्कार्यो कर्यां. श्लो.नं.
शत्रुञ्जयगिरि उपर [वस्तुपाले] इन्द्रमण्डपनी रचना करी. त्यां अम्बिका, अवलोकन, शाम्ब अने प्रद्युम्नना शिखरोथी शोभतुं नेमिनाथ प्रभु- चैत्य बनाव्यु. त्यां पूर्वे करावेला स्तम्भन पार्श्वनाथप्रभुना चैत्यमां पोताना राजानी (वीरधवल), पोतानी पत्नीनी (ललितादेवी), पोताना गुरुनी, पोताना
भाईनी (तेजपाल) तथा पोतानी (वस्तुपाल) मूर्तिओ बनावी. ६-७ त्यां जयतल्लदेवीनी तथा वीरधवल राजानी गजारूढ मूर्त्तिनी रचना
करी अने पोतानी तथा पोताना भाईनी अश्वारूढ मूर्ति घडावी. ८ त्यां ज कायोत्सर्गस्थ २ जिनप्रतिमा अजितनाथ तथा शान्तिनाथनी -
(कवि जिनहर्ष मुजब) पधरावी
त्यां मण्डपमा ७ जिनेश्वर परमात्मानी ७ देवकुलिका बनावी. १० त्यां सरस्वतीनी मूर्ति तेमज प्रशस्ति मूकावी.
इंद्रमण्डपमा पश्चिम द्वार- तोरण कराव्युं.