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________________ ओक्टोबर-२०१६ पूर्णतल्लगच्छीय-श्रीशान्तिसूरिविरचितटीकोपेतं घटकपरकाव्यम् - सं. मुनि त्रैलोक्यमण्डनविजय पूर्णतल्लगच्छीय श्रीवर्धमानसूरिना पट्टधर, न्यायावतार-वार्तिकवृत्तिकार तेम ज तिलकमञ्जरीटिप्पनककार शान्तिसूरिजीए पांच अजैन यमकाद्यलङ्कृत खण्डकाव्यो पर वृत्ति रची छे. जेमांथी वृन्दावनकाव्य (अनुसन्धान-६७), मेघाभ्युदय (सम्बोधि - १/१, एप्रिल १९७२), शिवभद्र (सम्बोधि - २/२, जुलै १९७३ अने २/३. ओक्टोबर १९७३) तेमज चन्द्रदूत (सम्बोधि - २/३, ओक्टोबर १९७३) ए चार काव्यो वृत्ति-सहित पूर्वे प्रकाशित थई चूक्यां छे. पांचमुं घटकर्पर काव्य वृत्तिसहित अत्रे प्रकाशित थई रह्यं छे. काव्यना कर्ता अज्ञात छे. वृत्तिकार श्रीशान्तिसूरिजीनो सत्तासमय अनुमानतः वि.सं. १०५०-११७५ वच्चे निर्धारित थयो छे. तेमनो विस्तृत परिचय पं. श्रीदलसुखभाई मालवणिया द्वारा सम्पादित न्यायावतारवातिकवृत्तिमां (प्र.-सरस्वती पुस्तकभण्डार, अमदावाद, ई. २००२) अपायो छे. घटकपरकाव्य मुख्यत्वे प्रोषितभर्तृका विरहिणी स्त्रीनी वियोगवेदनाने वर्णवतुं काव्य छे. २१ श्लोकना आ नानकडा काव्यनी विषयवस्तु आम छे : श्लोक १-६. विरहिणी स्त्री, सखी प्रत्ये कथन, ७. कामवर्धक मेघ प्रत्ये विरहिणीनो आक्रोश. ८-१३. मेघ द्वारा प्रियने मोकलावातो सन्देश, १४-२०. सखी, सर्जवृक्ष, कदम्ब व. ने उद्देशीने विरहिणीनो विलाप, २१. काव्यकर्ता, आत्मगौरवभर्यु कथन. आ छेल्ला पद्यमां कविए पोतानी काव्यकुशलता वर्णवतां कर्तुं छे के "जे कवि मने यमक वडे हरावशे ते कवि माटे हुं घटकर्परमां-घडाना टुकडामां पाणीनु वहन करीश." आवा 'घटकर्पर'ना लाक्षणिक प्रयोगने लीधे आ काव्य ‘घटकर्पर'ना नामे ओळखातुं थयुं होवू जोइए. काव्य, अने वृत्तिनुं सम्पादन कैलाससागरसूरि ज्ञानमन्दिर-कोबास्थित ६२४७ क्रमाङ्कनी हस्तप्रतने आधारे थयुं छे. प्रत सं. १८५१मां लखाई छे. प्रतनी वाचना घणी ज अशुद्ध छे. पण अर्थसङ्गतिना आधारे यथाशक्य शुद्धीकरण करीने वाचना तैयार करी छे. प्रतनी नकल आपवा माटे संस्थाना कार्यवाहकोना अमो आभारी छीए. नजीकना भविष्यमां पांचे काव्यो- संयुक्त प्रकाशन करवानी भावना छे.
SR No.520572
Book TitleAnusandhan 2016 12 SrNo 71
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2016
Total Pages316
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size22 MB
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