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________________ २३० अनुसन्धान-७१ लेखनुं मूल्य वधारी दीधुं. आपे सुधारा न कर्या होत तो मने तो मारो लेख उत्तमोत्तम ज लागतो हतो. ढांकीसाहेबे हसता हसतां कह्यु के भाई लेख तो सुन्दरी जेवो होय छे ! आम तो तेने अडकवू ये जोखमभर्यु होय छे तेथी अमे तमारा लेखमां सुधारा करतां खूब ज सावचेती राखी हती. लेखक हसी पड्या अने आजे पण आ घटनाने याद करी तेओ ढांकीसाहेबने अंजलि अर्पे छे. . ___ गुजरातना पोरबन्दरमा जन्मेला मधुसूदन ढांकीओ पुनामां B.Sc.नो अभ्यास कर्यो अने अन्ते टेम्पल आर्कीटेक्चरमां निष्णात बन्या. विश्वविख्यात अन्साइक्लोपिडिया ओफ इन्डियन टेम्पल आर्कीटेक्चरना सम्पादक बन्या, तेम ज जैनाचार्योनो समय निर्धारित करवानुं महत्त्वपूर्ण काम कर्यु. जैन-बौद्ध आगमो, संगीतशास्त्र, होर्टिकल्चर, पशु-पंखीना अवाजो, रत्नविद्या, कलाओ आदि विषयोमां तेओ सिद्धहस्त लेखक हता. तेमना अवसानथी समग्र जगते मन्दिरस्थापत्य विद्याना एक उत्तम प्रकारना विद्वानने गुमाव्या छे. हवे आ खोट केटली सदीओ पछी पूर्ण थशे ते कहे, मुश्केल छे. शत शत वन्दन ढांकीसाहेबने ! C/o. ला. द. विद्यामन्दिर नवरंगपुरा, अमदावाद-९
SR No.520572
Book TitleAnusandhan 2016 12 SrNo 71
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2016
Total Pages316
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size22 MB
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