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________________ ओक्टोबर २०१६ प्रस्तुत सामयिकमां पण राग- -द्वेष वगर केवळ प्रमाणोने आधारे ज संशोधनात्मक लेख प्रगट करवानुं विचार्यं हतुं वळी तेमणे सम्पादनना ऊंचा आदर्शो निर्धारित कर्या अने विद्वानोने संशोधन करवा निबन्धो लखवा आमन्त्रण आप्युं. देशविदेशना विद्वानोना लेखो आव्या. एकवार अवुं बन्युं के एक विद्वाननो लेख सामग्रीनी दृष्टिओ उत्तम हतो पण लखाण सामान्यकोटिनुं हतुं. अमे विरोध कर्यो छतां ढांकीसाहेबे ते लेखने समाववानो निर्णय कर्यो. ढांकीसाहेबना आग्रह आगळ अमारो विरोध टक्यो नही. तेने सरखो करी तैयार करवामां समय वह्यो जतो हतो. लेखक स्वयं अधीरा थवा मांड्या हता. अमे सहुओ कह्युं के साहेब आपणे खोटो समय वेडफी रह्या छीओ. हवे आ लेखने पाछो मोकली देवो जोईओ. कोम्प्युटर पर कम्पोझ करनार भाई पण कंटाळ्या हता. कुल १८ प्रुफ थई गया हता अने हवे कोम्प्युटर ओपरेटरने अ लेखनुं नाम पडतां ज कंटाळो आववा लाग्यो हतो, एक दिवस गुस्से थईने ढांकीसाहेबने कहेवा गया के हवे बस थयुं ? त्यारे ढांकीसाहेबे जणाव्युं के अमारा जैनधर्ममां २४ भगवान छे एटले २४ प्रुफ थाय त्यां सुधी तो धीरज राखवी पडशे. जो ते पछी बराबर नहीं लागे तो आ लेखने जतो करीशुं बन्युं पण अवुं के कुल २४ प्रुफ थयां, अन्ते लेख सुन्दर, उत्तम रीते तैयार थयो अने छपायो. लेखकना हाथमां ज्यारे नकल पहोंची अने तेमणे लेख वांच्यो त्यारे निर्ग्रन्थनो से अंक माथे मुकी नाच्या. अटलुं ज नहीं नाजुक तबियत होवा छतां सहायकने लईने रिसर्च सेन्टर मळवा आव्या अने ढांकीसाहेबना पगे पड्या, गळगळा थईने कह्युं के मने आवी खबर होत के मारो लेख आटलो सुन्दर रीते तैयार थवानो छे तो हुं क्यारेय उघराणी न करत. २२९ ढांकीसाहेब रमूज पण ओवी सूक्ष्म रीते करता के सामावाळाने कहेवानुं कहेवाई जाय अने छतांय तेने खोटुं न लागे. निर्ग्रन्थना अ ज अङ्कमा एक लेखकना लेखनुं सम्पादन कर्यु, आवश्यक सुधारा - वधारा कर्या अने पछी लेखकनी सम्मति माटे लेख मोकली आप्यो लेख वांची लेखक स्वयं मळवा दोडी आव्या. एटले अमने थयुं के कांइ विवाद न थाय तो सारं. अ समये ढांकीसाहेबे लेखकने पूछ्युं के शुं अमे तमारो लेख बगाडी तो नथी नांख्यो ने ? आ सांभळी लेखके सस्मित कह्युं के ढांकीसाहेब आपे तो मारा
SR No.520572
Book TitleAnusandhan 2016 12 SrNo 71
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2016
Total Pages316
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size22 MB
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