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________________ २२८ अनुसन्धान-७१ आ क्रम वर्षो सुधी चाल्यो. परन्तु ज्यारे कोम्प्युटरनो उपयोग वध्यो त्यारे में ढांकीसाहेबने जणाव्यु के हवे गीताबेनने तकलीफ न आपशो. पण तेओ कहेतां के मारां अक्षरो गीताबेन सिवाय कोण उकेली शकशे. अमे एक ओपरेटरने काम शीखवाड्युं ते ढांकीसाहेबना अक्षरो ओळखीने कोम्प्युटर पर लेख तैयार करतो अने काम सरळ बन्युं. त्यारे ते खूब ज राजी थया हता. गीताबेने तेमने लेखो लखी तैयार करवामां खूब ज मदद करी हती. अमे भक्तामरस्तोत्रनुं संशोधन करता हता त्यारे मने तेमनी पासेथी घणी बाबतो शीखवा मळी. अमने भक्तामरनुं संशोधन करती वखते घणी चिन्ता हती के दिगम्बर विद्वानो आ संशोधनने केवी रीते लेशे ? घणो मोटो प्रतिकार थशे. पण तेवू कशुं ज थयुं नहीं. कारण के बधी ज बाबतो प्रमाण साथे स्पष्ट अने तर्कबद्ध रजूआत पामी होवाने कारणे आज दिन सुधी अनो विरोध थयो नथी. ___ समग्र लखाण तैयार थयुं त्यारे प्रकाशन अंगे चर्चा चाली, प्रकाशन उत्तम कोटिनुं थर्बु जोई तेवो तेमने आग्रह हतो. तेथी फोन्टनी डिझाइन अने साइझ, लीडींग, मार्जीन, प्रत्येक प्रकरणनां मथाळां, मुखपृष्ठनी डिझाइन आदि तमाम बाबतो अंगे खूब ज काळजी राखी निर्णय कराव्या हता. आ बधी ज बाबतोनी काळजीने कारणे सुन्दर प्रकाशन थई शक्यु. प्रकाशन थया पछी ते ग्रन्थ अनेक विद्वानोने समालोचना माटे मोकली आपवामां आव्यो. बधाओ ज तेनी मुक्तकण्ठे प्रशंसा करी. अमेरिकाना एक संशोधन सामयिके हिन्दी भाषामा लखायेला आ ग्रन्थनी अंग्रेजी भाषामां समालोचना छापी अने समालोचनानी आदिमां ज समालोचके जणाव्युं के आ सामयिकमां सर्वप्रथम वार हिन्दी भाषामां प्रगट थयेला ग्रन्थनी समालोचना करवामां आवी रही छे, कारण के आ ग्रन्थ संशोधननो आदर्श पूरो पाडे तेवो छे. आ समग्र यश प्रो. ढांकीनी संशोधनवृत्ति अने मार्गदर्शन, परिणाम हतुं. ___ त्यारबाद अमे शारदाबेन चिमनभाई अज्युकेशनल रिसर्च सेन्टर द्वारा संशोधन सामयिक प्रगट करवानुं निर्धार्यु त्यारे तेनुं नाम पसन्द करवा अंगे घणी बधी चर्चा करी. अन्ते निर्ग्रन्थ नाम राखवानुं नक्की कर्यु. आ नाम पसंद करवा पाछळनुं कारण अ ज हतुं के जैनधर्मर्नु असल नाम निर्ग्रन्थधर्म हतुं. ते नाम आजे विसराई गयुं छे. निर्ग्रन्थ शब्दनो अर्थ पण ग्रन्थिरहित अवो थाय छे.
SR No.520572
Book TitleAnusandhan 2016 12 SrNo 71
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2016
Total Pages316
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size22 MB
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