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________________ ओक्टोबर-२०१६ २०३ अवलम्बन सांपडतुं होय तो ते छे, आ प्रकारनी जाळीओमांथी गळाईने आवतां सूर्यकिरणोथी रचातुं, चिरन्तन स्थैर्यनी अनुभूति बतावतुं अद्भुत अने निगूढ छायाचित्र. इस्लामना आत्माने मूर्त करवामां, तेने ऊंचुं अर्थगौरव आपवामां, मस्जिदोनां बुलन्द एलानोने के मकबराओनी मूक गमगीनीने स्फुट करवामां आ जाळीओ एक अत्यन्त समर्थ प्रतीक अने वाहन बनी रहे छे.' जेवी रीते स्थापत्यनो तेवी ज रीते विशेष प्रतिभासम्पन्न कलाकारो, विद्वानोनो पण एमणे परिचय कराव्यो छे. प्रशंसानां पुष्पो वेरतां ए टीका करवानुं पण वीसरता नथी. प्रकाशनी साथे छाया- संयोजन निर्भीकताथी करे छे. कोईनी शेहशरममां तणाता नथी. क्यारेक एमनी शैली कटाक्षयुक्त अने तीखी पण थई जाय छे, छतां एमां डंख नथी होतो, पारदर्शक अने स्पष्ट वक्ता तरीकेनो एमनो स्वभाव छतो थाय छे. प्रिय व्यक्तिनी पण ए ठेकडी उडाड्या वगर रही ना शके. डॉ. मोतीचन्द्र माटे एमने स्नेह अने आदर छतां एमना विशे लखी काढे के, 'कोई विद्वान हास्यास्पद परिस्थितिमां मूकाया होय - पोताना लखाण द्वारा के अन्यथा तो डॉक्टरसाहेब तेनुं साराये भारतमा फुलेकुं चडावे'. ___ मधुसूदनभाईनी प्रचण्ड साधना अने विरल सिद्धिनी वातो एक बेठकमां तो पूरी थाय ज नहीं. एक मुलाकात अने बीजी मुलाकात वच्चेना दिवसो दरमियान रोजिंदा कामनी मारी घटमाळ तो चालु ज हती. केटलाय लोकोने मळवाच्. एमनी वातो साम्भळवानी. छतां ए प्रत्यक्ष वर्तमानथी दूर नीकळी नजर मधुसूदनभाईनी अविरत विद्यासाधना पर ठरती अने एक प्रश्न मनमां बूंटातो. 'एमना गुरु कोण ? पुरातत्त्वक्षेत्रे एमणे एकलव्यनी जेम पुरुषार्थथी अग्रस्थान मेळव्युं छे, पण एमना जीवनपथदर्शक कोई आध्यात्मिक गुरु खरा ?' — में पूछ्युं तो कहे, 'ना. मारा जीवन समग्र पर छवाई गया होय, जेमनामां सम्पूर्ण श्रद्धा होय एवा एक ज गुरु मने नथी मळ्या. हा पृथक् पृथक् मळ्या छे. शाळाना दिवसो 'दरम्यान श्री मणिभाई वोरा तथा स्व. श्री रतिलाल छायानो प्रभाव चारित्रघडतर अने उच्च संस्कारो तरफ अभिमुख करवामां रह्यो छे. पोरबन्दरना महाराणा श्री नटवरसिंहजीनी कला-प्रतिभानो, एमना उदात्त अभिजात चारित्र्यनो पण प्रभाव रह्यो छे.
SR No.520572
Book TitleAnusandhan 2016 12 SrNo 71
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2016
Total Pages316
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size22 MB
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