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अनुसन्धान-७१
'तमारी तीक्ष्ण बुद्धि अने सर्वग्राही शक्ति जोतां तो लागे के तमे धारो ए लाईनमा अग्रस्थाने पहोंची शको तो ए जमानामां तो डोक्टर अने एन्जिनियरनी बोलबाला हती. तो ए लाईन केम न लीधी?'
'हुँ रोग, यातना, लोही जोई न शकुं तेथी डोक्टर थवानो विचार ज नहोतो आव्यो. एन्जिनियरिंग पण शुष्क अने नीरस लाग्युं हतुं.
'नानपणथी ज मने योग्य मार्गदर्शन अने सुविधा, सगवड मळ्यां होत तो परिणाम कंई जुदुं ज होत. शरुआतनां वरसोमां तो हुं जोया ज करतो हतो, पिताजी एमनी रीते घाट आपता हता. धीरे धीरे बधुं आकार पाम्युं. पण एमां घणां वरसो पसार थई गयां. ___ 'मने माणसमां अने माणस साथे संकळायेली दरेक सुन्दर वस्तुमां रस छे. संस्कृति अने संस्कृतिना इतिहासमां रस छे. आखी संस्कृतिनो प्रतिशब्द स्थापत्यकलामां पडे छे अने स्थापत्यकला साथे बधी कलाओ अनिवार्य रीते जोडायेली छे. आम, शिल्प अने स्थापत्यनो अभ्यास करतां मूर्तिकला अने वास्तुकला, कालान्तरे पांगरेली एमनी नोखी नोखी शैलीओ, एमना उद्भव, विकास अने विनिपातनो पण अभ्यास थाय छे. ए अभ्यास पर चिन्तन-मनन द्वारा इतिहासना घणा खूटता अंकोडा मेळवी शकाय छे. _ 'मन्दिर अने मस्जिद जेवां भारतनां धार्मिक स्थापत्योने तेमनुं आगवं व्यक्तित्व छे. त्रणेक दायकाथी एनसाइक्लोपीडिया ओफ इन्डियन टेम्पल आर्किटेक्टरनो एक प्रोजेक्ट हाथ पर छे. तेना चार भाग प्रकाशित थई गया छे.
'आपणे त्यां पुरातत्त्वक्षेत्रे केवू काम थयुं छे ?'
'इन्टरनेशनल आर्कियोलोजीनी सरखामणीमां आपणे त्यां एटलुं काम नथी थयु. बहार फरवाथी, बीजानो अभ्यास करवाथी, 'आपणुं बधुं ज सारु छे', ए भ्रमणामांथी हुं बहार आवतो गयो छु. केटलीक बाबतोमां तो आपणे सामान्य छीए. ____ 'आपणे त्यां पुराणकथाओ अने महाकाव्योने साचो इतिहास मानी लीधो छे. जेटलुं धर्म साथे भळ्युं एटलं आपणे त्यां टक्युं छे अने एमां केटलीकवार घणी बधी अतिशयोक्ति थई गई छे.