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________________ ओक्टोबर-२०१६ १९९ तो कहे, 'तमे हाथीनुं बच्चु आपो तो सवारीना हाथी तरीके केळवी शकुं, पण तमे पाडो आपो तो एने हाथी केवी रीते बनाएं ?' _ पछी बळापो करतां कहे, 'आजकाल केटली बेदरकारी अने आळस छे ? कोई पण विद्याशाखानो विद्यार्थी होय एने शुद्ध भाषा लखतां अने स्पष्ट अभिव्यक्ति पहेलां शीखववां जोईए अने पछी बीजा विषय- ज्ञान आपq जोईए. अमदावादनी स्कूल ओफ आर्किटेकमां त्यांना तेजस्वी विद्यार्थीओमां आशानुं किरण देखाय छे. तेजना स्फुलिङ्ग मळे छे.' 'तमे तमारी भाषा अने ज्ञान माटे केवी रीते महेनत करता हता?' 'मूळ तो "कुमार" सामयिके मने घड्यो. एना वाचनथी मारी शैली घडाई. हुं लेख मोकलुं त्यारे बचुभाई रावत जोडणीनी भूलो तरफ तरत ध्यान दोरे. मारा त्रणेक लेखो लखाया पछी मळ्यो तो कहे, लखता रहेजो. सारुं लखो छो. मने "कुमारचन्द्रक' मळ्यो छे.' गौरवी मधुसूदनभाईए कह्यु. पूना फर्ग्युसन कोलेजमां भणवा गयो हतो. त्यां अंग्रेजी मिडियम. अंग्रेजीमां प्रभुत्व मेळववा ग्रन्थागारमा बेसीने वांच्या ज करूं. वर्गमां खास रस ना पडे. भूस्तरशास्त्रना प्रोफेसर आपे ए नोंध न करूं पण पुस्तकालयमां एने लगतां पुस्तको वांचु. पाठ्यपुस्तको पांच हतां पण में साठ पुस्तको वांचेलां. मारा तैयार करेला निबन्धोनी साइक्लोस्टाइल करावी वर्गना विद्यार्थीओने प्रोफेसरे वहेंची हती. रसायणशास्त्रमा पण एवी ज महेनत करी हती. रसायणशास्त्रनो निबन्ध २४ मार्कनो, तो मने मळ्या २४ अने १६ मार्क्स ग्रेइसना. क्लास वच्चे प्रोफेसरे पूछ्युं हतुं : 'मि. ढांकी कोण छे ? क्याथी मेळव्युं आ ज्ञान ?' पछी पूछे, 'आ निबंध हुं मारी पासे राखुं ?' ___तमे भण्या भूस्तरशास्त्र अने रसायणशास्त्र, अने थया पुरातत्त्वविद्. आq केम?' 'मारे पुरातत्त्वविद् ज थर्बु हतुं. भूस्तरशास्त्रमा आ विषय आवशे एवी मारी समज हती. जो के भूस्तरशास्त्र अने रसायणशास्त्र बेउ भणवानी मजा आवी. मने साउन्ड अने विझन बेउ बहु अपील करे छे.'
SR No.520572
Book TitleAnusandhan 2016 12 SrNo 71
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2016
Total Pages316
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size22 MB
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