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________________ ओक्टोबर-२०१६ १७७ सौवीर में । ये दोनों एक दूसरे के प्रति अत्यन्त अनुराग रखते थे और कोष, कोष्ठागार एवं राज्य आदि का विभाजन किये बिना ही राज्यश्री का उपभोग करते थे । सोरि के पुत्र अन्धकवृष्णि और उनकी पत्नी से समुद्रविजय आदि दस पुत्र और कुन्ती एवं माद्री नाम दो कन्यायें उत्पन्न हुई । दूसरी और वीर का पुत्र भोजवृष्णि हुआ । उसका पुत्र उग्रसेन और उग्रसेन के पुत्र बन्धु, सुबन्धु, कंस आदि हुए । अन्धकवृष्णि के दस पुत्रों में वसुदेव दसवें पुत्र थे । इसी प्रसंग में समुद्रविजय आदि के पूर्वभव की चर्चा की भी गई है । वसुदेव के पूर्व भव की चर्चा करते हुए यह बताया गया है कि वह पूर्वभव में नन्दिसेन था । तुलनात्मक विवरण : जहां तक कृष्ण के माता-पिता के नाम और जन्म का प्रश्न है, जैन परम्परा और हिन्दु परम्परा में विशेष अन्तर नहीं है । दोनों ही परम्पराए कृष्ण को वासुदेव एवं देवकी का पुत्र मानती है तथा जन्म के पश्चात् यशोदा के द्वारा उनके लालन-पालन की बात भी स्वीकार करती है । दोनों परम्पराओं के अनुसार कृष्ण के अन्य सात भाईयों का उल्लेख हुआ है । किन्तु दोनों परम्पराओं में कृष्ण के अन्य भाईयों के कथानक के सम्बन्ध में अन्तर पाया जाता है। श्रीमद् भागवत के अनुसार बलभद्र और श्रीकृष्ण के जन्म के पूर्व देवकी के छः पुत्रों को कंस पछाडकर मार डालता है । यद्यपि जैन ग्रन्थ वसुदेवहिण्डी में भी कंस के द्वारा देवकी के छ: पुत्रों के मार डालने का उल्लेख है किन्तु जिनसेन के उत्तरपुराण तथा हेमचन्द्र के त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र में तथा अन्तकृत्दशा के अनुसार देवकी के गर्भ से उत्पन्न ये छहों पुत्र हरिनिगमेष नामक देवता के द्वारा सुलसा के यहां पहुंचा दिये गये और सुलसा के मृतपुत्रों को देवकी के पास लाकर रख दिया जाता है । इस प्रकार जैन परम्परा मुख्य रूप से कृष्ण के सहोदर इन छ: भाईयों को सुलसा के द्वारा पालित मानती है जो आगे चलकर तीर्थङ्कर नेमि के पास दीक्षित होकर मोक्ष को प्राप्त कर लेते है । श्रीमद् भागवत के अनुसार बलभद्र का देवकी के गर्भ से विष्णु के
SR No.520572
Book TitleAnusandhan 2016 12 SrNo 71
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2016
Total Pages316
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size22 MB
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