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________________ ओक्टोबर-२०१६ १७१ के दस अध्ययन होने का उल्लेख है जो कि वर्तमान अन्तकृत्दशा के विषयवस्तु से समानता रखता है । समवायाङ्गवृत्ति में भी इसके वर्तमान स्वरूप का उल्लेख प्राप्त हो जाता है । अतः नन्दी, नन्दीचूर्णि और समवायाङ्गवृत्ति के पूर्व ही इसको यह स्वरूप प्राप्त हो गया था । ऐसी स्थिति में इसे छठी या सातवीं शताब्दी से अधिक परवर्ती नहीं कहा जा सकता है । अन्तकृत्दशा के आठ वर्गों में प्रथम पांच वर्ग और उनके उनपचास अध्ययन श्रीकृष्ण और उनके परिजनों से सम्बन्धित है । प्रथम वर्ग में गौतम, समुद्र, सागर, अक्षोभ आदि दस व्यक्तियों का वर्णन है । इन सबके पिता अन्धकवृष्णि और माता धारिणी बताई गई है । अन्धकवृष्णि कृष्ण के दादा होते है । अतः इस आधार पर ये सभी कृष्ण के चाचा कहे जा सकते हैं । दूसरे वर्ग में आठ अध्याय है । उनमें से सागर, समुद्र, अचल और अक्षोभ ये चार नाम पूर्व वर्ग में भी आये है । शेष चार नाम हिमवन्त, धरण, पूर्ण और अभिचन्द्र नवीन है । इन्हें भी अन्धकवृष्णि के पुत्र कहा गया है । इस प्रकार ये सभी कृष्ण के चाचा माने जा सकते है । इन दोनों वर्गों में केवल इन सभी का अरिष्टनेमि के पास दीक्षित होकर तप साधना करने का उल्लेख है । अन्य कोई विवरण उपलब्ध नहीं है । तृतीय वर्ग में तेरह अध्ययन है । इन अध्ययनों में से प्रथम छ: अध्ययन अनियसेन, अनन्तसेन, अनहित, विद्धत, देवयश ओर शत्रुसेन से सम्बन्धित है । ये सभी कुमार भद्दिलपुर निवासी सुलसा नामक गाथापत्नी के पुत्र कहे गये है । किन्तु इसी वर्ग के आठवें अध्ययन से यह स्पष्ट हो जाता है कि ये सभी सुलसा के पालित पुत्र थे । वस्तुतः ये सभी देवकी और वसुदेव के ही पुत्र है । इस प्रकार श्रीकृष्ण के सहोदर थे । इनका पालनपोषण क्यों और किस प्रकार सुलसा के द्वारा हुआ यह चर्चा हम बाद में गजसुकुमाल की कथा प्रसंग में करेंगे । इन छहों के अतिरिक्त कृष्ण के अन्य सहोदर गजसुकुमाल का भी विस्तृत वर्णन इस वर्ग मे हैं । गजसुकुमाल के जीवनवृत्त की चर्चा हम आगे स्वतन्त्र रूप में करेंगे । इस वर्ग में अन्य जिन व्यक्तियों का उल्लेख है उनमें सारन, दारुक
SR No.520572
Book TitleAnusandhan 2016 12 SrNo 71
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2016
Total Pages316
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size22 MB
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