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________________ जुलाई-२०१६ १०९ गडबड में पाया जाता है । उदाहरण के लिए पूज्यपाद (देवनन्दी) के समय को ही लीजिये । पट्टावली में उनका समय वि. सं. २५८ से ३०८ तक दिया है । परन्तु इतिहास में वह ४५० के करीब आता है । इतिहास में वसुनन्दी का समय विक्रम की १२वीं शती माना जाता है । परन्तु पट्टावली में छठी शताब्दी (५२५-५३९) दिया गया है । मेरी दृष्टि में यह ६०० वर्ष की भूल प्रारम्भ से चली आ रही है ।" अतः पं. जुगलकिशोरजी मुख्तार लिखते हैं - यह पट्टावली संदिग्ध अवस्था में है और केवल इसी के आधार पर किसी के समयादि का निर्णय कैसे किया जा सकता है ? । प्रो. हार्नले, डॉ. पिटर्सन ने इसी आधार पर कुन्दकुन्द को ईसा की पहली शती का विद्वान लिखा है और इससे यह मालूम होता है कि उन्होंने इस पट्टावली की कोई विशेष जाँच नहीं की ।" (देखें - स्वामी समन्तभद्र, पृ. १४५-१४६) । प्रो. रतनचन्दजी इसे प्रमाण मानकर कुन्दकुन्द को ई. पूर्वोत्तर प्रथम शती के मान रहे हैं, यह बात कितनी प्रामाणिक होगी ? । यदि यह पट्टावली अन्यों के बारे में भी समय की अपेक्षा अप्रामाणिक है, तो कुन्दकुन्द के बारे में प्रामाणिक कैसे होगी ?। वे भगवतीआराधना, मूलाचार आदि में समान गाथाएँ दिखाकर यह कैसे सिद्ध कर सकते है कि वे गाथाएँ या प्रसङ्ग कुन्दकुन्द से उनमें लिये गये है । यह भी हो सकता है, कि कुन्दकुन्द ने ये प्रसङ्ग वहाँ से लिये हो । कुन्दकुन्द के समय के सम्बन्ध में इन सभी विद्वानों के मत न केवल एक-दूसरे के विरोधी हैं अपितु समीक्ष्य भी हैं । मेरी दृष्टि में कुन्दकुन्द ईसा की छठी शताब्दी के पूर्व के नहीं हो सकते है । (१) यदि वे ईसा की प्रथम से लेकर तीसरी, चौथी शती तक के भी होते तो कोई न कोई दिगम्बर आचार्य जो ईसा की ८वीं शती से पूर्व हुआ है, उनका निर्देश अवश्य करता । समन्तभद्र, जिनसेन प्रथम, अकलङ्क, विद्यानन्दी आदि कोई भी चाहे उनके पक्ष में हो या विपक्ष में हो, उनका निर्देश अवश्य करते । लेकिन आठवीं शती तक कोई भी दिगम्बर या श्वेताम्बर आचार्य उनका निर्देश नहीं करते हैं ।
SR No.520571
Book TitleAnusandhan 2016 09 SrNo 70
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2016
Total Pages170
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size11 MB
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