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________________ मार्च २०१६ अने नलिनीबेननो परिचय कराववा साथे तेमने वधाव्यां हता. आ पछी अतिथिविशेषो तेमज ट्रस्टीगण द्वारा डॉ. नलिनीबेनने 'हेमचन्द्राचार्य चन्द्रक' तेमज सरस्वतीदेवीनी चन्दनमय ऊभी प्रतिमा, शॉल, श्रीफल अने कंकुतिलक, प्रशस्तिपत्र तथा पुरस्कारनी राशिना कवर वगेरे प्रदान करवापूर्वक सन्मान करवामां आव्युं हतुं. आ साथे ज, एक खास अपवादरूप चेष्टालेखे, आ प्रसंगे, अन्य त्रण संस्थाओए पण तेमने शॉल ओढाडीने बहुमान कर्तुं हतुं. गुजरात विश्वकोश ट्रस्ट वती कुमारपाल देसाई, शान्तिनिकेतन साधना केन्द्र - तीथल वती तेना ट्रस्टीओ, फ्रान्स- नोर्मन्डीना तपोवन आश्रम वती किरणभाई व्यास आ बधाए तेमने सन्मान्यां. १८३ - आ प्रसंगे मुंबईनां सुश्री अर्चना शाहे हेमचन्द्राचार्यनां माता पाहिणी देवी विंषे ३० मिनिटनो अभिनयात्मक एकोक्तिनो प्रयोग (मोनोलोग) प्रस्तुत कर्यो हतो, जे खूब भावनात्मक अने हृदयस्पर्शी बन्यो हतो. आ. श्रीविजयशीलचन्द्रसूरिजीए प्रासङ्गिक प्रवचन कर्तुं हतुं, अने डॉ. नलिनी बलबीरे पोतानो प्रतिभाव प्रगटावतुं प्रवचन कर्तुं हतुं, ते आ अङ्कमां अन्यत्र प्रगट करवामां आव्युं छे. * समारोह पूर्ण थया बाद सहु भोजन लईने विखराया हता. आशरे ३०० जेटली संख्या समारोहमां उपस्थित रही हती. * *
SR No.520570
Book TitleAnusandhan 2016 05 SrNo 69
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2016
Total Pages198
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size12 MB
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