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________________ १८२ अनुसन्धान-६९ श्री हेमचन्दाचार्य-चन्द्रक-१४-समारोह : अहेवाल "कलिकालसर्वज्ञ श्रीहेमचन्द्राचार्य नवम जन्मशताब्दी स्मृति संस्कार शिक्षणनिधि" ए आचार्य श्रीविजयसूर्योदयसूरिजी महाराजनी प्रेरणाथी, हेमचन्द्राचार्यनी नवमी जन्मशताब्दी (सं. २०४५)ना उपलक्ष्यमा स्थपायेखें ट्रस्ट छे. तेना आश्रये मुख्यत्वे त्रण प्रकारनी प्रवृत्तिओ थती रहे छे : १. चन्द्रकप्रदान, २. ग्रन्थ-प्रकाशन, ३. परिसंवादो. ट्रस्ट द्वारा विगत वर्षोमां संस्कृत-प्राकृत-गुर्जर भाषामां, विविध विषयना, शताधिक ग्रन्थो प्रकाशित थया छे. 'अनुसन्धान' नामे शोधपत्रिकानो पण तेमां समावेश थाय छे. तो तेर जेटला विद्वज्जनोने 'हेमचन्द्राचार्य चन्द्रक' पण आपवामां आवेल छे. चालु - ई. २०१६ना - वर्षना प्रारम्भे, १० जान्युआरीए, अमदावादना शेठ हठीसिंह केसरीसिंहनी वाडीना प्रांगणमां, पेरिस (फ्रान्स)नां विदुषी प्राध्यापिका बहेन डॉ. नलिनी बलबीरने, तेमना जैन साहित्यना ऊंडा अध्ययन-संशोधन बदल, 'हेमचन्द्राचार्य चन्द्रक' अर्पण करवानो एक भव्य समारोह योजाई गयो. समारोह . श्रीविजयशीलचन्द्रसूरिजीनी निश्रामां योजायो हतो. तेमां अतिथिविशेष तरीके विख्यात विद्वान डॉ. मधुसूदन ढांकी तेमज सुश्री जयश्रीबेन संजयभाई लालभाई उपस्थित रह्या हता. उपरांत, तीथलथी बन्धुत्रिपुटी मुनि कीर्तिचन्द्रजी, फ्रान्सना योगशिक्षक किरणभाई व्यास, तथा अन्य अनेक सज्जनो तथा महानुभावो पण पधार्या हता. आ समारोहर्नु संचालन रापर (कच्छ) कोलेजना प्राध्यापक डॉ. रमजान हसणियाए आगवी कुशलतापूर्वक कर्यु. संगीतज्ञ श्री अमित ठक्कर तथा दीप्ति देसाईए संस्कृत भाषानां बे मधुर गीतो- मङ्गलगान करीने वातावरणने प्रसन्नमङ्गल बनाव्युं हतुं. प्रारम्भमां महाराजश्रीना मङ्गलाचरण बाद, ट्रस्टना ट्रस्टी श्री पङ्कजभाई शेठे स्वागत कयुं हतुं, अने ते पछी डो. कुमारपाल देसाई, किरणभाई व्यास, डॉ. ढांकी, श्रीकीर्तिचन्द्रजी, श्रीमती जयश्रीबेन वगेरे वक्ताओए वक्तव्य आप्यां
SR No.520570
Book TitleAnusandhan 2016 05 SrNo 69
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2016
Total Pages198
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size12 MB
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