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________________ मार्च - २०१६ (दासानुदास रामप्रसाद आपना दर्शननी आशा करे छे, वारंवारनी विनंति मन पर लईने कृपा करीने अमने दर्शन आपशो.) १११ दुतीओ षांनां जाद गुलांमां, भगति करत है भगतही रांमां, त्रतीओ दास भागरथरांमा, गुंरसूं करिहै बोहो परनांमां... ३/१२३ (बीजा खानाजाद गुलाम एटले पेटवराडे सेवा करनारा ( मात्र उदरपूर्ति थाय एटलुं ज अनाज स्वीकारीने), भक्ति करनारा ओवा भगतराम तथा त्रीजा भागीरथीराम गुरुने प्रणाम कहावे छे.) फिर किंकर है दास तुमारा, क्रिपा करके करो संभारा, दास लघु है भजनारांम, क्रोडि बार तिसको परनांम... ४ / १२४ (त्यारबाद आ आपना दासने कृपा करीने संभारशो, नानो भजनांराम आपने करोड वखत प्रणाम पाठवे छे.) चरण भाग कर करत है, कोडि बार परनांम, राम-राम प्रभु मानीयो, प्रक्रमां अभिरांम... ५/१२५ (करोडो वखत दंडवत करीने आपने प्रणाम करीओ छीओ, हे राम प्रभु ने अमारी परिक्रमा मानी लेशो.) आंना जाद गुलाम है, गुन्हेँगार जख बेर, जग दरसण दीज्यो बापजी, मैं भाषतहूं टेर... ६ / १२६ (हे बापजी ! हुं खानाजाद गुलाम ( एटले पेटवराडे सेवा करनारो, मात्र उदरपूर्ति थाय एटलुं ज अनाज स्वीकारनारो) जगतने जेनी सामे वेर छे एवो गुनेगार छं, हुं दर्शननो तलबगार छु, ओटले ज चीस पाडीने पोकारुं छं.) · ओर सहारो हे नाहीं, तुम ही जगमे मित्त, अधम उधारण हो गुरु, त्यारे जीव अनित... ७/१२७ (मने आपना विना कोईनो सहारो नथी, आप ज आ जगतमां मारा हितेच्छु मित्र छो. आ जीवन' क्षणभंगुर छे आप अधम ओधारण छो.) दया महिर मुझि उपरैं, रखीओ परम दयाल, मैं कूडा अरु क्रितघण, तुमहो बडे क्रिपाल ... ८ / १२८
SR No.520570
Book TitleAnusandhan 2016 05 SrNo 69
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2016
Total Pages198
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size12 MB
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