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जून - २०१५
अनुसन्धान-६७
भद्रजाती मन्दजाती मृगजाती मिश्रजाती मदकल गजेन्द्रघटा, अनइ जात्य घोडा हरीडा नीलडा गोरडा कालुआ कीसोडा किहाडा रातडा सेराहा उराहा कुलाहा उकहा तेजी तोषार खुरासाणी सींधवा पारसी कांबोजां कानूजा काछेजा एवमादि तुरङ्गम घाट, अनइ खान खोजा मीर मलिक मलाम लालिम खतीब सैद कादी हाबसी बलोची बंगाली दक्षिणी तिलंगा कान्हडा, अनइ प्रधान पोतदार मांडविया जामतिआ जवहरी साह सेठि पील बाणउतार चरवादार असलीजा बंदा टाक कायस्थ ब्रह्मक्षत्रिय, एवमादि चतुरंग कटकि परिवारि परिवरिउ ।
अनइ सूर्यवंश सोमवंश यादववंश कदम्बवंश इक्षाकुवंश चहुआणवंश सोलंकीवंश मोरियवंश सेलारवंश छिंदकवंश चाउडावंश पडिहारवंश लुब्धकवंश रावउडवंश शकवंश करटपालवंश चंदेलवंश गुहिलवंश गुहिलउत्रवंश पोतिकवंश मंकूआणवंश धान्यपालवंश राजपालवंश निकुम्भवंश दाधिकवंश कालुम्बकवंश हूणवंश कलंबवंश डोडवंश दिल्लवंश डाभीवंश हरिकरिवंश हरिसंचकवंश वागडीवंश धर्कटवंश - ए छत्रीस राजकुली, अनइ अनेराइ वाघेला झाला देवाला बोडा जाडेचा चूडासमा सोढा राठी काठी जेहनी [आण?] सदा नीपजावइ ।
___अनइ जेह श्रीमहम्मदपातसाहतणी छत्रछाया विवेकनारायण गूजरदेशाभरणि श्रीअणहिल्लवाडइ पाटणि, अहम्मदावादनगरि अनइ खंभायति श्रीधर्मतणइ आगरि अनेरइ गामि नगरि ठामि ठामि चउरासी ज्ञाति महाजन आपणा आपणा कुलाचार सूधा व्यवहार अनइ सदाचार पालई । अन्याय अयुक्ति टालई । अनइ सुकृत संचई । किसी कहीइ ? ते महाजनतणी चउरासी ज्ञाति सांभलि प्रतिपन्नउं -
___पाली ज्ञाति श्रीश्रीमाली, प्रकटप्रताप पोरुआड, अरडकमल्ल उसवाल, भला दीसइ डीसावाल, डीडू हरसउरां वाग्घेरवाल, भांभू खंडोअड मेडत्तवाल, दाहिल सूराणा खण्डेरवाल, कथरउटिआ कोरंटावाल, सोध सोनी जाइल्लवाल, नागर अनइ नाणीवाल, खडायता अनइ पल्लीवाल, जालहरा वायडा अनइ चित्रवाल, छांचा कपोल अनइ पुक्खरवाल, जंबूसरा नागदहा सुहडवाल, मट्टेउरा करहिया अगरवाल, बांभ अछित्त अनइ अच्छित्तवाल, श्रीगुड अनइ गूजर
श्रीमाल, प्रो(?घौ?)ढ अडालिजा मांडलिया गांभूआ मोढ लाडूअ श्रीमाली अनइ लाड जांगडां सोरठिआ पोरुआड नयम(?)रुस्तकी नरसिंघउरा, हालर पंचम अनइ काथउरांवाल, मीक कंबो अनइ तिसउरा तेलउटा(रा?) अष्टवर्गी बंधणउरा सिरखंडेरा, अनइ मेवाडा भोडियडा काट, अनइ जिणडा जेहराणा सोहरिया धाकडा मुहवरया भडिआ भंगडिआ हूंबड नीमा, अनइ मडाहडा ब्राह्माणा वागडू चीत्रउडा वीघूमाथर, अनइ नाउरा पद्मावती काकलीआ णंदउरा मंडोरा, अनइ साचउरां गोलावाल, अनइ राजउरा लाडीसखा आउसखा चउसखा, एवमादि साढीबार ज्ञाति शाखा प्रशाखा ।
___ अनइ वली जेह श्रीमहम्मदपातसाहतणी सौम्यदृष्टिं छइ दर्शन आपणा आपणा धर्मशास्त्र वाचइ, श्रीदेवगुरुतत्त्वि राचइ, विद्याबलि माचई, पुण्यकर्म आचरइ चित्ति सांचइ । किसियां कहीइ ते छ दर्शन ? सांभलि -
जिम सरोवर [माहि] मानससर, जिम दातारमाहि जलधर, जिम समुद्रमाहि स्वयम्भूरमण, जिम धनवंतमाहि वैश्रमण, जिम तेजवंतमाहि सूर, जिम वाजिनमाहि तूर, तिम सर्वदर्शनमाहि धर्मविद्यामहिमाकरी प्रधान श्रीजैनदर्शन जाणिवउं । जिहां निरतीचार चारित्रपात्र मलमलिनगात्र तपोधन-तपोधना श्रीवयरस्वामितणी शाखई, छ जीवनिकाय राखई, दयामूल धर्म भाषइ, सर्व आरम्भ पाखइ, मोक्षनउ मार्ग दाखइ । अनइ जिहां श्रावक-श्राविका श्रीवीतरागदेव भजइ, आरम्भ करतां चित्ति धूजइ, सूधउं धर्मतत्त्व बूझइ, मिथ्यात्वि म मूंझइ । तिहां वली हवडा गंगाजलनिर्मलज्ञानक्रियानिधान सर्वगच्छप्रधान अतुच्छ श्रीतपागच्छ विशेषि दीपई, कलिकश्मलित छीपइ । अनइ अनेराइ संप्रति चऊदसिया पूनमिया वडगच्छा खरतर मलधार आंचलिया आगमिया आ(ना?)गउरिआ पीपलिआ मडाहडा देहगती (?) ब्रह्माणा विद्याधर थिराद्रा नायला नाणावाल चित्रावाल कोरंटावाल उसवाला एवमादिक घणा गच्छ गच्छान्तर मिथ्यात्व उथापई श्रीजिनधर्म थापइ ।।
तथा बीजइ दर्शनि नैयायिक कपाली घंटाला पाहू केदारपुत्र आयरियमढ वीपतीआणा एवमादि भेदि । त्रीजइ दर्शनि सांख्य भरडा भगवंत त्रिदंडिआ मूनी कवि कूडारा एवमादि भेद । चउथइ दर्शनि बौद्ध सातघडिया दगडा डागुरा भांड पावइआ गरोडा वासबेटिया एवमादि भेद । पां[चमइ] दर्शि]नि