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________________ 86. अनुसन्धान-६६ दूहो : पंच महाव्रत प्रेमसुं, धरी मनि उछाय; भाद्रवि जिनवचन सुन्दर, संभलावू सुखदाय.... 22 मास आसो आवीयो, घरि घरि रंग अपार; दीपमालिका पर्व आवइ, आवि घरि वहुआरि.... 23 वहु आवई नि माट लावइ, हरख पामइ माय; वचन नन्दन मात केलं, मानोजी ईछाना राय..... 24 . सुसनेहा नन्दन मानो रे मेघकुमार...... . दूहो : संयम सुन्दर सुन्दरी, वल्लभ लीलविलास; चित्त धरूं सा वल्लभा, तेणि सुन्दर आसोमास..... 25 कार्तिक मासि कृपासागर, आवइ अन्नप्रवाह; उच्छाह पामइ मेदिनी, मोहनी मन्य लगाय.... 26 . गाय गीत सुरंग सुन्दर, सरस भोजन सार; साजन पोषो मा संतोषो, हं वीनवं वारंवार.... 27 ___सुसनेहा नन्दन मानो रे मेघकुमार.... दूहो : वल्लभ श्रीजिनराजनी, मधुरस कोमल भास; आतम अमृत सीचीइं, तेणइ कार्तिके लीलविलास..... 28 मागसिरइ निज मातलडी, निरखई नंदको रूप; जू चन्द दर्शन कमल विकसइ, त्यु रिध्य फूल अनुप..... 29 मुक्ताफलके हार सोभि, मुद्रिकासु रतन सजन; आसा पूरी साजन, मानोजी वीर वचन..... 30 सुसनेहा नन्दन मानो रे मेघकुमार.... दूहो : सत्य वचन मुखि बोलीइं, कीजई परउपगार; मागसिर मासि साधुनइ, माइ सोभि ओ सणगार..... 31 पोस मासि पोसीई, वर कोमल नवली काय; उष्ण भोजन साक सरसा, जमो करी पसाय..... 32
SR No.520567
Book TitleAnusandhan 2015 03 SrNo 66
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2015
Total Pages182
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size12 MB
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