________________ फेब्रुआरी - 2015 उष्ण जल अंघोल मरजन, तेल फूल चंपेल; मुखवास घोल तंबोल कोमल, पोसीइं सरीरकी वेलि..... 33 सुसनेहा नन्दन मानो रे. मेघकुमार..... दूहो : सरीरवेलि इउं सीचीइं, तप संयम रस सार; क्रोध कषाय नीवारीइं, तेणि पोस मास सुखकार..... 34 . . माघ मासि मोहोल केरां, अछि सुख अपार; नील पीतसु पंच वरणी, पंभरी सुविचार..... 35 संसारना सुख देखो नन्दन, हठ म करो वीर, तेणि दिन साधुनि विहार करतां, सीत) वाहि सरीर..... 36 सुसनेहा नन्दन मानो रे मेघकुमार..... दूहो : व्रत मन्दिर संयम सिरि, सेज्य संतोषसुख सुराग; ऊन मन्दिर मइ खेलति, माइ सीत न लगि माघ..... 37 फागुण मास वसंत प्रगट्यो, रसीकके मनि रंग; फाग गावि फूटरां, करि धरी सुन्दर चंग..... 38 माल लाल गुलाल दीलइ, लइत चूआ चंद; मनवल्लभ मित्र सरसा, होरी हो खेलोजी नन्द..... 39 सुसनेहा नन्दन मानो रे मेघकुमार...... . दूहो : ग्यान गुलालि धर्मस्युं, वल्लभ जिनस्युं रंग; फागुण संघ वसंतमइ, जिन गुण गाउं सुधंग.... 40 ओ बारमास रचनावली, सांभळी मेघकुमार; जे रंग लागो चित्तस्युं, ते न उतरि रे लगार..... 41 मात अनुमति लेइ करीनइ, लीधो संयम भार; अनुत्तर सुख पामीआ, श्रीमुनिवर मेघकुमार..... 42 गुणवंता सुहिगुर, मेघ मुनि सुखकार; ओ बार मास मेघ मुर्णिद केरा, सांभलि सुविचार; . भणइ गुणइ मनि प्रेमसुं, संपति लहइ ते सार..... 43