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________________ फेब्रुआरी - 2015 दीजइ वधाइ तास, मणि रयण सोव्रणरास, गुरु भगति करीजी, मनि ऊलट धरीजी. 11 मुझ मनि मनोरथ पूग, हवई टली भवभयलूग", श्रीगुरुदरसणिजी, जिम घन वरसणइंजी. 12 थिरपालसुत सुखकंद, थापिओ पटि मुर्णिद, श्रीविजयदेवसूरीसरुजी, सयल संघ सुखकरुजी. 13 इमं वीनवइ तुम बाल, जाणजो वंदन त्रिकाल, सेवक जन तणीजी, आसा पूरणीजी. 14 संवत सोल वखाण, छप्पना (1656) वर्ष प्रमाण, फागुण निरमलुजी, चउदिसि दिन भलुजी. 15 मई रच्यु लेख ऊदार, भणि गुणि जय-जयकार, प्रतिपुं तिहां लगइंजी, रवि-ससि जिहां लगइंजी. 16 // श्रीविजयसेनसूरिलेखकृतो गणि जयविजयेन लिखितोऽपि च गणि विवेकविजयपठनार्थम् // कल्याणमस्तु // 1. फुरमान = फरमान 2. . तांहिं = त्यां 3. हींसोर = हर्षनाद 4. निलवटी = कपाट, ललाट 5. जभे = जीभथी 6.. ' व्रणवीइ = वर्णवीश 7. कंबु = शङ्ख 8. सनाह = बखतर 9. मही(हि)त = पूजायेल 10. सुचि = पवित्र 11. हिअडलइ = हृदयमां 12. वाहलीया = व्हेळु .13. कुही = कोहवायेली - 14. आउलि = आवळ शब्दकोश 15. अलजयुं = उत्कण्ठा 16. वा'ला = वाहला / 17. वासग = वासुकी नाग 18. करुंनइ = करूं ने 19. लूंछणा = ओवारणा 20. वसीअला = वस्या 21. जाह = जेना 22. मुधां = फोकट 23. आराम = बगीचो. 24. वीसार = भूली जq 25. छल = कपट 26. परगलधार = घणी धारे 27. उर = बीजा 28. चखार = धुतारा
SR No.520567
Book TitleAnusandhan 2015 03 SrNo 66
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2015
Total Pages182
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size12 MB
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