________________ फेब्रुआरी - 2015 73 साह कमा कुलि मंडणु, माता कोडाइ-कुखि अवतरीओजी, भरीओजी, सकल गुणे करी गछपती(ति)जी. 1 मूरति मोहनवेलडी, अति सुंदर मस्तक सोहइजी, मोहइजी, अर्ध ससी सम निलवटीजी, सुभकर श्रवण निहालीइ, आणई मयण तणा हींचोलाजी, लोलाजी, एक जते[भे] किम व्रणवीईजी. 2 मयणबाण जिसी भमुहडी, वली नासा अति अणीआलीजी, रलीआलीजी, आंखि जिसी कजपांखडीजी, जीभ अमीअनु कंदलु, जूओ वदन अनोपम चंदजी, अमंदजी, भविकचकोर आणंदकरुजी. 3 दंतपंति हीरा जसी, वर अधर प्रवाली रंगोजी, चंगोजी, मुखनिस्वास चंपकसमुजी, कपोलफलक विकसी रह्यां, जाणई अइरावण गजकेरांजी, मेरांजी, देखी नयण आणंदीयाजी. 4 कंठ ते कंबु सरिसु कहूं, आजानु प्रलंब भु[ज]दंडजी, अखंडजी, जस प्रताप जगमां घणुजी, कमलनाल जिसी बाहडी, अनइं आंगुलडी अति सरलीजी, नहीं विरलीजी, कुंअली तरुपल्लव जिसीजी. 5. हृदयकपाट सुघट घड्युं, अतिउन्नत नई सुविसालजी, आबालजी, सुर नर भेदी नवि सकइजी, नाभि गंभीर रदै मनोहरु, जाणि कमलातणुं निवासजी, ... आसजी, पूरइ त्रिभुवनजन तणीजी. 6 चरणकमल अति दीपतां, जाणि अविचल मेरुगिरिंदजी, सुरिंदजी, चालि जिम गज मलपतुंजी, लख्यण बत्रीस अंगइ धार]इ, विद्याई सुरगुर तोलइजी, बोलइजी, वाणी मुखि अमृत जिसीजी. 7 कनकवरण सोहइ सदा, अति सुंदर तनु सुकुमालजी, आलजी, रूपतणु ए गणधरुजी,