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________________ ११८ बधा ज एककालिक ठरे छे. (४) उत्तर प्रदेश अने मगधनी अ काळनी नगरीओ पुरातत्त्वना प्रमाणोथी ईस्वीसन पूर्वे ८मा / ७मा सैकानी लई छठ्ठा सैका सुधीमां स्थपायेली. वाराणसी ई.स. पूर्वे १००० वर्ष जेटलुं जूनुं ठर्युं नथी.. हवे अहीं वंशवृक्षो प्रस्तुत करवाथी उपरनां कथनो स्पष्ट थशे. (वाराणसी) (कुशाग्रपुर) (उग्रवंश) अश्वसेन अने वामा पसेनदी I पार्श्व अने प्रभावती T अनुसन्धान- ६६ बिम्बिसार ( राजगृह स्थापक) (बुद्ध अने महावीरना समकालीन) शकुमार श्र ( गौतमना ज्येष्ठ समकालीन) आम बधा ज स्थानकोणथी जोतां अर्हत् पार्श्व अने अर्हत् वर्धमान महावीर वच्चे थोडाक ज दशकनुं वास्तविक अन्तर होय तेवुं स्पष्ट भासे छे. परम्परावादीओने अलबत्त पोतानो मत बदलवानुं कही न शकाय. आ तों केवळ इतिहासना अभ्यासीओ माटे ज नोंधरूपें अहीं लख्युं छे. पीपल्स प्लाझा, छठे माळे, मेमनगर फायर स्टेशन पासे, अमदावाद - ९ सम्पादकनी नोंध डॉ. ढांकीनुं अन्वेषण इतिहास अने पुरातत्त्वनी दृष्टिथी थयुं छे. ते बन्ने विधाओ, अद्यावधि उपलब्ध प्रमाणोने ज मुख्य आधार माने छे; परम्परा प्राप्त शास्त्रीय साक्ष्योने, जरूर पडे त्यां/त्यारे ज, ते पण गौण, साक्ष्यलेखे ते स्वीकारे छे. प्रसेनजित राजा एक करतां वधु थया होवानुं जैन-बौद्ध ग्रन्थो थकी नक्की थाय छे. प्रभावतीना पिता कुशाग्र ( के कुशस्थल ? ) ना राजा होय, तो अन्य प्रसेनजित
SR No.520567
Book TitleAnusandhan 2015 03 SrNo 66
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2015
Total Pages182
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size12 MB
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