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________________ नवेम्बर - २०१४ २०९ २१० अनुसन्धान-६५ मोतीडानी ए देशी, वालिम वहिला - ए देशी, वेशाख वदि - ए देशी तेमज वालाजीनी - ए देशी आ ४ देशीना कृतिकार तरीके प्रमोदविजयनुं नाम छ । बाकी प्राप्त स्थानोमां कवि तरीके रत्नविजयनो उल्लेख छ । आ परथी पत्रनो महत्तम अंश रत्नविजयनो होइ पत्ररचना तेमनी होय तेम विचारी शकाय । छता आ अंगे विद्वानो प्रकाश पाडे ए आशा । शब्दार्थ १. डारे = दूर करे २५. जत्तं = जातना २. कच्छपी = वीणा २६. थागं = अंत ३. उकत्थ = उक्ति २७. वेखं = जाणवू (?) ४. हुलास = उल्हास २८. हराणं = हरावq ५. ओवरण = ओवारणा २९. भालं = निहाळवं ६. वज = ? ३०. जांबल = जांबू ७. पंथान = प्रतिष्ठान ३१. पभणं = बोलवू ८. विढ = ? ३२. मरुव = मरवो ९. वटाउ = ? ३३. खुलेलं = खुलेलु १०. पकी = पाकेली ३४. नलपुंज = वांसनी झाडी (?) ११. कचनार = एक वृक्ष ३५. रंगरसं = सुंदर १२. चक = चकली ३६. नरोड = नरोडा (गामर्नु नाम) १३. झट्ट = तुरंत ३७. पट्टबध = (शत्रुजयनो) पट्ट बंधाय छे १४. गव्युति = गाउं ३८. भाववधं = भाव वधारनार १५. वाजे = वाद्य वडे ३९. भीर = भीड १६. नकवेसर = नाकनुं घरेणुं, चुंक ४०. अथग्गं = अथाग १७. कुचफल = स्तन ४१. अलं = पुरतु १८. बंभने = ब्रह्माने ४२. नेन मचं = आंख बंध करवी १९. गाल = गाळ, अपशब्द ४३. कुंजड = कंजूस माणस २०. थोव = स्तोक, अल्प ४४. स्याग = शाक २१. पसत्थ = प्रशस्त ४५. ढिग = ढगलो (?) २२. अमद = अमदावाद ४६. थानं = ताको २३. कटकह = सैन्य ४७. गेणाकार = घरेणा बनावनार (?) २४. नेज = वावटो ४८. उमंद = आनंदथी (?) ४९. विलोत = विलुप्त थर्बु ७९. मनराक् = मिनारा ५०. टारे = नाश करे ८०. अरकि = सूर्य (?) ५१. भास = भ्रांति (?) ८१. छिबा = रंगारा ५२. भरं = भ्रम ८२. घानजा = वाणंद ५३. भिस्तमग = विश्वासु (?) ८३. भरावा = भरवाड (?) ५४. जब = ज्यारे ८४. वणिगर = वणकर ५५. सेन = स्येन (बाज) पक्षीनु ८५. सोरगर = सुथार (?) आववानुं स्थान ? ८६. खारोल = ? ५६. टाणं = ताण ८७. खेरादि = ? ५७. वहेगार = वहावनार ८८. चुडीगर = मणियार ५८. वने = बन्या ८९. षटीक = कसाय ५९. सुखमाल = सुंवाळो ९०. डवगर = चामडाना ढोल विगेरे ६०. खर्खरो = खरबचडो बनावनार ६१. चाव = इच्छा ९१. सीसगर = काचना वासण विगेरे ६२. सुतभूति = श्रवण (?) बनावनार ६३. पडिअछ = पडदा के भीतना अंतरे ९२. कलाल = दारू वेचनार ६४. सुमि = समिति ९३. पवेद्याक् = ? ६५. मनिषाकर = बुद्धिना भंडार ९४. छयल = चतुर जन ६६. लघवा = तुच्छ (ढूंकी) ९५. किरणा = ? ६७. वप्रनंद = लघु कोट (?) ९६. सूरूंज = ? ६८. थोभ = स्थिति ९७. गुलदावद = ? ६९. थाग = उंडाण ९८. बोहो = बहु ७०. सुंडाला = गणपति ९९. पंखिनका = पंखिओनो ७१. गगण = गगन १००. राइका = राजानो ७२. विहाल = बेहाल १०१. अबरेखा = ? ७३. समाद = समाधि १०२. सहर = शिखर ७४. साय = सहाय १०३. छाण = शोध ७५. पंकत = पति १०४. मुसद्दी = राजकारभारी पुरुष ७६. हेराक = आश्चर्यकारी (?) १०५. पेचाण = ओळखाण ७७. एन = अन्न १०६. संमार = सुधारवं ७८. भलभाक् = सारा भाग्यवाळो (?) १०७. अलि = ?
SR No.520566
Book TitleAnusandhan 2014 12 SrNo 65
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2014
Total Pages360
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size1 MB
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