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ओगस्ट - २०१३
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पूर्व अध्यापको श्रीकिशोरचन्द्र पाठक अने विनुभाई पण्ड्या, कवि अने उद्योगपति श्रीहर्षद चन्दाराणा, कवि अने उद्घोषक श्रीप्रणव पंड्या, 'संशोधन' सामयिकना तन्त्रीश्री डॉ. हसमुख व्यास, 'छालक'ना तन्त्री श्री गणपतभाई उपाध्याय, कविश्री हरजीवन दाफडा वगेरे साहित्य उपासको, पत्रकारो अने विविध टी.वी. चेनल्सना प्रतिनिधिओ उपस्थित हता. आवा साहित्यकार विद्वानो अने प्राध्यापकोनी हाजरीने लीधे लीधे वसन्तभाईना निवासस्थाने विद्वानोना मेळा जेवू वातावरण रचायेखें.
मुम्बई तथा अमदावादना जैन संघना श्रेष्ठिवर्यो अने 'कलिकालसर्वज्ञ श्रीहेमचन्द्राचार्य नवम जन्मशताब्दी स्मृति संस्कार शिक्षणनिधि ट्रस्ट'ना ट्रस्टीओनी अतिथिविशेष रूपे हाजरी सोनु अने सुगन्धना सुभग समन्वय समी हती. आ मङ्गल प्रसंगे स्वागत प्रवचन करतां ट्रस्टना अने शेठश्री हठीभाईनी वाडीना प्रतिनिधि ट्रस्टी श्रीपंकजभाई शेठे ट्रस्टनी विविध प्रवृत्तिओनो ख्याल आपीने जणाव्युं के चोवीश वर्ष पूर्वे गच्छाधिपति आचार्यश्री विजयसूर्योदयसूरिजी म.सा.नी प्रेरणाथी ट्रस्टनी स्थापना थई, अने परिसंवादो, सेमिनार, संगोष्ठिओ, ग्रन्थ प्रकाशनो तथा हेमचन्द्राचार्य चन्द्रकना अर्पण समारम्भो थता रह्या छे, जेने देश-परदेशना विद्वानो द्वारा सहकार मळतो रह्यो छे. आजे संस्कृत भाषाना अक मूर्धन्य संशोधक, बहुमान करवानो मङ्गल प्रसंग योजायो छे अमां उपस्थित सौनुं हार्दिक स्वागत छे. पछीथी वसन्तभाई परीख-कुटुंब वती प्रा. कालिन्दी परीखे सौनुं पुष्पगुच्छ तथा शब्दोथी स्वागत कर्यु हतुं.
स्वागत प्रवचन बाद आ कार्यक्रमनी भूमिका बांधतां डॉ. निरंजन राज्यगुरुओ जणाव्यु के - 'आपणे त्यां गुजरातमां साहित्य, शिक्षण, संस्कार, सेवा, स्वाध्याय अने संशोधनमां कार्यरत अनेक संस्थाओ पोतपोतानी रीते काम करे छे. दरेकना उद्देशो, कार्यप्रणाली, अभिगमो विभिन्न होय जे स्वाभाविक छे. परन्तु भाषा-साहित्यना अणीशुद्ध उत्कर्ष माटे मथनारी संस्थाओ अने सम्पूर्ण सात्त्विक व्यवहारो धरावनारी व्यक्तिओ ओछी थती जाय छे ओ हकीकत छे.
आजे अक अद्भुत योगानुयोग छे के गुजराती भाषानो पिण्ड जे बे सत्पुरुषो द्वारा बंधायो छे ते कलिकालसर्वज्ञश्री हेमचन्द्राचार्यजी अने भक्तकवि
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