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________________ ११६ अनुसन्धान-६२ अमरेलीमा योजाई गयो संस्कृत भाषा-साहित्यमां मूर्धन्य साहित्यकार पण्डितश्री वसन्तभाई परीखसाहेबने हेमचन्द्राचार्य चन्द्रक अर्पण करवानो समारोह कलिकालसर्वज्ञ श्रीहेमचन्द्राचार्य जेवी विश्ववन्दनीय विभूतिना नाम अने काम साथे सम्बन्ध धरावता अने पूज्यपाद स्व. तेजोमूर्ति गच्छाधिपति आचार्यश्री विजयसूर्योदयसूरीश्वरजी महाराजसाहेबनी प्रेरणाथी स्थपायेला तथा आचार्यश्री विजयशीलचन्द्रसूरीश्वरजी महाराज साहेबनी निश्रामां कार्य करता ट्रस्ट 'कलिकालसर्वज्ञ श्रीहेमचन्द्राचार्य नवम जन्मशताब्दी स्मृति संस्कार शिक्षणनिधि'ना उपक्रमे, पूज्यश्रीना मार्गदर्शनानुसार चाली रहेली विविध ज्ञानवर्धक प्रवृत्तिओमांनी अक प्रवृत्ति ते आपणा साहित्य अने संस्कृतिनी अमूल्य सेवा करनार विशिष्ट प्रतिभासम्पन्न विद्वानोने 'श्रीहेमचन्द्राचार्य चन्द्रक' अर्पण करीने तेमनुं बहुमान करवानी प्रवृत्ति छे. ___ भूतकाळमां आपणा मूर्धन्य विद्वानो पं. श्रीदलसुखभाई मालवणिया, डॉ. श्रीहरिवल्लभ भायाणी, श्रीशान्तिभाई शाह, श्रीउमाकान्त शाह, श्रीनगीनभाई शाह, श्री के.आर.चन्द्रा, श्रीसत्यरन्जन बेनरजी, श्रीजयंत कोठारी, श्रीमधुसुदन ढांकी, श्रीलक्ष्मणभाई भोजक, श्रीकनुभाई जानी, श्रीलाभशंकर पुरोहित अने डॉ. श्रीहसुभाई याज्ञिक वगेरे भारतीय कक्षाना विद्वानोने आ चन्द्रक अर्पण थयो छे. ते शृङ्खलामां आगळ वधतां ता. ३०-६-२०१३ ज्येष्ठ वदी ८ रविवार वि.सं. २०६९ना रोज अमरेली खाते संस्कृत भाषा-साहित्यना पण्डितश्री वसन्तभाई परीखने 'हेमचन्द्राचार्य चन्द्रक' अर्पण करवा योजायेलो चन्द्रकप्रदान समारोह ओ साचा अर्थमां 'ज्ञान भक्ति-महोत्सव' बनी रह्यो, अने ते सौने माटे संतृप्ति आपनारो नीवड्यो. प्रसङ्गे जामजोधपुरथी भारतीय सन्तसाहित्यना अभ्यासी डॉ. मनोज रावल, जेतपुरथी संतसाहित्य संशोधक डॉ. रवजी रोकड, जेतपुरना साहित्यप्रेमी उद्योगपति गुणवंत धोरडा अने समाजसेवक पंकज धामी, जूनागढथी 'गुजरातनी पीरपरम्परा' पुस्तकना संशोधक-लेखक अने सरकारी वकीलश्री डॉ. मुकुन्दचन्द्र नागर, आनन्द आश्रम-घोघावदरथी डॉ. निरंजन राज्यगुरु, अमरेलीना विद्वान Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520563
Book TitleAnusandhan 2013 09 SrNo 62
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2013
Total Pages138
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size11 MB
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