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________________ अनुसन्धान - ६० : विज्ञप्तिपत्र - विशेषाङ्क - खण्ड १ I ८४ आगमों की । यहाँ यह ज्ञातव्य है कि ८४ आगमो सूची के अंतर्गत ३२ और ४५ आगमग्रन्थ भी सम्मिलित हो जाते हैं । स्थानकवासी एवं तेरापन्थी परम्परा ११ अंग, १२ उपांग, ४ छेद, ४ मूल और १ आवश्यक ऐसे ३२ आगम मान्य करती है । श्वेताम्बर मूर्तिपूजक परम्परा में भी ११ अंग, १२ उपांग के नाम समान है । स्थानकवासी परम्परा द्वारा मान्य ४ मूल में (१) उत्तराध्ययन और (२) दशवैकालिक दोनों नाम समान है । नन्दीसूत्र और अनुयोगद्वार को श्वेताम्बर मूर्तिपूजक परम्परा चूलिका सूत्र में रख देती है । ६ छेद सूत्रों में महानिशीथ और जीतकल्प- ये दो नाम अधिक है । चार नाम समान हैं । मूल में नन्दी और अनुयोगद्वार के स्थान पर आवश्यक और पिण्डनिर्युक्ति- ये दो नाम आते हैं । १० प्रकीर्ण स्थानकवासी और तेरापंथी परम्परा को मान्य नहीं है । श्वेताम्बर मूर्तिपूजक परम्परा द्वारा मान्य ८४ आगमों की सूची निम्न है, इसमें बत्तीस और पैंतालीस भी समाहित है । 1 ८४ आगम ( श्वे. सम्मत ) १९० १-११ ग्यारह अङ्ग - आचाराङ्ग, सूत्रकृताङ्ग, स्थानाङ्ग, समवायाङ्ग, व्याख्याप्रज्ञप्ति, ज्ञाताधर्मकथा, उपासकदशाङ्ग, अन्तकृद्दशा, अनुत्तरौपपातिक, प्रश्नव्याकरण और विपाक । १२- २३ बारह उपाङ्ग औपपातिक, राजप्रश्नीय, जीवाजीवाभिगम, प्रज्ञापना, सूर्यप्रज्ञप्ति, चन्द्रप्रज्ञप्ति, जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति, कल्पिका, कल्पावंतसिका, पुष्पिका, पुष्पचूलिका और वृष्णिदशा । अन्तिम पांचों का संयुक्त नाम निरयावलिका है । २४-२७ चार मूलसूत्र - आवश्यकसूत्र, दशवैकालिक, उत्तराध्ययनानि, पिंडनिर्युक्ति (अथवा ओघनिर्युक्ति) २८-२९ दो चूलिका सूत्र - नन्दीसूत्र, अनुयोगद्वार । ३०-३५ छ: छेद सूत्र निशीथ, महानिशीथ, बृहत्कल्प, व्यवहार, दशाश्रुतस्कन्ध, पंचकल्प (विच्छिन्न) । - ३६-४५ दस प्रकीर्णक चतुःशरण, आतुरप्रत्याख्यान, भक्तपरिज्ञा, तन्दुलवैचारिक, चन्द्रवेध्यक, देवेन्द्रस्तव, गणिविद्या, महाप्रत्या ख्यान, वीरस्तव, संस्तारक | Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520561
Book TitleAnusandhan 2013 03 SrNo 60
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2013
Total Pages244
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size9 MB
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