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________________ अनुसन्धान - ५३ श्रीहेमचन्द्राचार्यविशेषांक भाग - १ तेवुं उपरोक्त बे सम्पादनो जोतां कही शकाय. अलबत्त, आनो विशद अभ्यास थाय पछी ज तेनी अन्तरिक गुणवत्ता विषे निःशङ्क कही शकाय. परन्तु प्रथम नजरे ज आ सघन अने श्रमपूर्ण अध्ययननुं फळ छे एम तो अवश्य कही शकाय तेम छे. ओछामां ओछु, आजे आगम ग्रन्थो उपर अनधिकृत लोको जे सरलताथी टीका-विवरणो लखवा मांड्या छे तेवुं सरल तो आ सम्पादनकार्य नथी ज. १६६ -- ११. शोभनस्तुति वृत्तिमाला, खण्ड १ - २, टीकापञ्चकैरवचूरिषष्ठेन च ग्रथिता । कर्ता : शोभन मुनि टीका : विविध मुनिवरो; सं. मुनिहितवर्धनविजय; प्र. कुसुमअमृतट्रस्ट, वापी; सं. २०६६, ई. २०१० वि.सं. १९८३ मां प्रो. हीरालाल रसिकदास कापडिया द्वारा थयेल सम्पादन-प्रकाशननुं पुनः सम्पादन पुनः सम्पादन आम तो प्रा. कापडियाना सम्पादननी पुनरावृत्ति ज छे. नवीनतामां सं. मुनिश्रीना कथन प्रमाणे, ६ टीकाकारोए पोतानी टीकामां कोई भूल करी होय ते आ सम्पादके सुधारी छे. आ अंगे सम्पादकनी नोंध प्रस्तावनामां आ प्रमाणे वांचवा मळे छे :- "अमे विविध टीकाओमां रहेला दोषोनुं संशोधन आवश्यकतानुसार कर्तुं छे अने आ माटे पचाश जेटली टीप्पणो संस्कृत भाषामां लखीने आ ग्रन्थमां दाखल करी छे. आ ग्रन्थनुं सम्पादन करती वेळा जुदीजुदी टीकाओमां प्रधानतया व्याकरणदोषो अने क्वचित् आगमिक पदार्थनी स्खलना पण अमारी नजरे चडी. जेनुं संशोधन अमे ते ज स्थळे टीप्पणो लखीने कर्तुं छे." सम्पादक महाशयनी आ गर्वोक्ति पछी हवे तेमणे करेलां टीप्पणो (? टिप्पणो) तपासीए. १. खण्ड १, पृ. ३६, टि. १, अहीं वृत्तिमां " अत्र 'प्रवितर ' इति क्रियापदं, किं कर्तृ ?” आम मुद्रित पाठ छे. सं.नी दृष्टिए आ 'किं कर्तृ?" पाठ अशुद्ध छे; 'कः कर्ता ?' एम होवुं जोईए. आथी तेमणे टि. मां लख्युं : ‘दोषाऽऽकुलमिदम्’. वृत्तिकारनी अपेक्षा समजवाना प्रयत्न विना तेमनी वातने 'दोषाकुल' कहेवामां औचित्यभङ्ग थाय छे. 'किं कर्तृ' ने बदले 'किंकर्तृ' एम वांचीए; ‘क्रियापदं किंकर्तृ ?' ओटले कः कर्ता यस्य तत् किंकर्तृ एम समजीए तो बधुं सुस्थ होवानुं समजाई जाय.
SR No.520554
Book TitleAnusandhan 2010 12 SrNo 53
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2010
Total Pages187
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size845 KB
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