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________________ सप्टेम्बर २०१० १३१ कोइ चोक्कस निर्णय पर आवq थोडं कठिन छे. __परन्तु, ओक वात तो नक्की छे के भाष्यगत 'वर्तना'शब्दनी व्याख्याना श्रीसिद्धसेनगणिजे करेला विवरण प्रमाणे वर्तनानो ओक अर्थ सर्वभावोमां थतो सूक्ष्म परिणाम (=वृत्तिमात्र) भले थतो होय; पण खुद तेओने कालना लिंग तरीके वपराता 'वर्तना'शब्दथी तो ते ज वृत्ति ग्राह्य छे के जे कालाश्रित छे. तेओ चोख्खा शब्दोमां कहे छे : "सत्यामपि भावानां तत्र (=अर्धतृतीयद्वीपबहिर्भागे) वृत्तावविशेषेण तस्याः काललिङ्गत्वाभावः ।" अने "नहि सर्वा वृत्तिः कालापेक्षा । यत्र तु कालस्तत्राऽसौ वर्तनाद्याकारेण परिणमते इति नियमः।" (पृ. ४३१) मझानी वात तो ओ छे के वर्तनानो अर्थ सर्वभावव्यापक सूक्ष्मपरिणाम ग्रहीने, तेना कारणभूत कालना, अलोकाकाशमां पण अस्तित्वनी जे आपत्ति श्रीनगीनभाईओ पत्र-१मां आपी छे : ते श्रीसिद्धसेनगणिने मते तो आपत्ति ज नथी बनती, कारण के तेओए 'वृत्तिमात्र वर्तना नथी बनती' से वातना दृष्टान्त तरीके अलोकनी वृत्तिने रजू करी छे. स्पष्ट छे के तेओने वर्तना = सूक्ष्म परिणाम अभिप्रेत नथी. वर्तना शब्दनो अर्थ कालाश्रित वृत्ति करीने ते अनुसार निरूपण करवू, ते कंइ 'छल' न कहेवाय. बीजाना वचनना खण्डन माटे ते वचनना शब्दोनो ऊधो अर्थ करवो ते छल कहेवाय, नहीं के स्वमतना निरूपणमां शब्दनो स्वम्मत अर्थ दर्शाववो. आम जो न मानीओ तो ओक ज 'उपमान' शब्दना जुदाजुदा अर्थो करनारा बधा ज शास्त्रकारो छलप्रयोग करनारा गणाय. कोइक जुदा अर्थने 'छल' कही देवा मात्रथी ओ अर्थ अप्रमाणित नथी थई जतो, पण अने अप्रमाणित साबित करवा माटे ओ अर्थमां रहेली खामी दर्शाववी जरूरी बने छे. अने जो ओ न दर्शावी शकाय तो ओ अर्थ स्वीकारवो ज रह्यो. प्रस्तुत सन्दर्भमां श्रीसिद्धसेनगणिकरेलो वर्तनानो अर्थ नैयायिकोना 'इदानीं घट:' प्रतीति माटे मनायेला कालिकसम्बन्ध जोडे सरखाववा जेवो छे. श्री नगीनभाइले करेला 'कोइ पण वस्तुनुं अस्तित्व कालानुगृहीत न होय जे शक्य नथी'. ओ विधाननी सामे श्रीसिद्धसेनगणि- वचन जुओ : अस्तित्वं च भावानां वस्त्वन्तरानपेक्षम् । (पृ. ३४८, अहीं 'वस्त्वन्तरापेक्षं'
SR No.520553
Book TitleAnusandhan 2010 09 SrNo 52
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2010
Total Pages146
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size6 MB
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