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________________ १२८ अनुसन्धान ५२ सूर्यगतिथी अभिव्यक्त थाय छे, मपाय छे. अर्थात् तेना माटे कोई काल जेवा द्रव्यनी जरूर नथी. परन्तु जे मूळभूत वर्तना या सत्ता छे ते सूर्यगतिथी अभिव्यक्त थती नथी. सूर्यगति पोते आदित्यगतिथी उपलक्षित क्रिया नथी, आदित्यगति पोते वर्तनाघटित छे. ओ वर्तनाना उपकारक द्रव्यकालने मानवानी वात छे. जो ओवा उपकारक कालद्रव्यने न मानq होय तो कालद्रव्य जेवू कंइ रहेतुं नथी. सीधी वातने तर्कजाळथी जटिल अने न समजाय तेवी बनावी दीधी छे. आकाशप्रदेशोनी बे पोईन्ट वच्चेनी लांबी-ट्रंकी हारो ज परत्वअपरत्वनी प्रतीति उत्पन्न करे छे अटले दिशाने मानवानी जरूर नथी. पूर्वापरनी बाबतने पण समयोनी नानीमोटी हारोरूपे समजावी शकाय अने अमां कालद्रव्य न मानीओ तो पण पूर्वापरनी प्रतीति समजावी शकाय. परन्तु मूळभूत वर्तना के सत्ताना उपकारक कालद्रव्यने मानवू के नहि प्रश्न रहे छे. कालद्रव्यने मानवू ज होय तो वर्तनाना उपकारक तरीके ज मानी शकाय. कालद्रव्यने न मानतुं होय तो कहेवू पडे के वर्तनाने कालद्रव्यनी उपकारक तरीके होई जरूरत नथी तेनो तो प्रवाह अनादि-अनन्त सतत स्वतः वह्या ज करे छे, तेनी बाबतमां कोई ओवी घटना के प्रसंग नथी के तेना खुलासा माटे उपकारक तरीके कालद्रव्यने मानवानी फरज पडे. गति अने स्थितिनी बाबतमां अर्बु नथी. घणी गतिओ अने स्थितिओ कादाचित्क छे अटेले आ कादाचित्कतानो खुलासो करवा धर्म-अधर्मने उपकारक या सहायक कारण तरीके मानवं उचित गणाय. (७) 'वृत्ति' शब्दना बे अर्थ छे - (१) वृत्ति ओटले केवळ होवू, अस्तित्व, सत्ता, अने जैनमते सत् उत्पाद-व्यय-ध्रौव्य ज छे ओटले सूक्ष्म परिणाम - वर्तना. (२) वृत्ति ओटले कोइ अधिकरणमां रहे. प्रस्तुत सन्दर्भमां पहेलो अर्थ छे, ओ ज अभिप्रेत छे. ते न लेतां बीजो, जे अभिप्रेत नथी ते, लेवो अने उत्तर आपवो ओ छल छे. 'कालाश्रया वृत्तिः' नो काल अधिकरणमां रहेवानो, अधिकरणमां आधेयना सम्बन्धनो अर्थ नथी, परन्तु 'कालानुगृहीत अस्तित्व - सत्ता - उत्पाद-व्यय-ध्रौव्य - सूक्ष्म परिणाम - वर्तना' ओवो अर्थ ज अभिप्रेत छे. अलोकाकाश पण सत् छे अटले त्यां पण वर्तना छे.
SR No.520553
Book TitleAnusandhan 2010 09 SrNo 52
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2010
Total Pages146
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size6 MB
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