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अनुसन्धान-५०
भेटसो सु दीन सफल हुसी । अपरच हमके चोमासे पांनासी मनरुपवीजैजी गुमांनवीजैजीनै राखा सौ बोहत लायक जोग्य गीतारत छै, जोधपुर लायक छ, परभाते वखांण पाटीये गीनातासुतर वचीजे छे, रातरे वखांण पारसनाथ चीरतर वचीजे छै, सारो मरजाद ववहार धरमरो अवल छै. पजुसण भला ठाट उजीवा छै, चेतप्रवाळ कातीपुनमरौ श्रीजीनराजरौ ऊछव श्रीदरबारसु भला ठाट उजीवो छै, ईसा चोमासी रहयो गछरी मोकली सोभा छै सो आगाउ पीण हमकै बेठाबेठ चोमासौ इणानुईज लीखावसी । ने श्रीसीघरौ दुसालो १ नारजीरंगरो मेलीयो छै परभांणी बखतवीजैजी हसतै मेलीयो छै सो सभाल लेसी। पाछो स्माचार श्रीसीघने लीखावसी । आहा वीनती सीघ समसत लीखी छै रोजी हुयनै सो हमकै बेठाबेठ चंमासो मनरुपविजैजीनुईज लीखावसी, घणो कोई लीखणमै आवै थोडो लीखीयौ घणो जांणसी । तथा गुरां बखतविजेजी गंछनीमतं मोकली मंमतं राखे छै सो ईसा जती हुवै जीणानु तो घणी दीलासा देणी, एह घणे कामरा छै, पछै तो आप मोटा हौ सरब जांण छो, पीण गछनी मत ईसी जती तो थोडा हुसी, पछै तो आपरी मरजीमे आवै सो खरी, सीघ तो देखे जीसी लीखणमे आवे, केरणो करावणो तो आप सारै छ । को जु मीनख गीतारंत हुवै जीणारीतो आपनुइ कीमतं राखी चंई, जै आपतो वडा छौ ने श्रीवीरजीरी गादी वीराजीया छो, घणा आदरीयांनुं केवटो छौ सो आप, अरज कठे केताइ लीखा, सीघरो तो लीखणरो जोर छे, पे छै मरजी तो आपरी हुवै सो खरी, आपतो सरब जांण छो सारोईनु केवटणा तथा आतसीणरा चांमासी हरखं अठै आया था सो सीघ आगै केही ठाणा ता १६ ने श्रीजी तो खेतर ठाणा ५रो लीखीयो सो सीरीजी लीखीयो तीण माफक गुदरांन कीनौ, सो आगाले ठाणा माफक खेतर दीरावसी रोटी तो साराई चावै ईतरी आपनु वीचारी चंहीजै आप सरब जांण छो, अग लायक कामकाज हुवै सो लीखावसी। सीवत १८६२ रा फागुण वद १३ ॥
॥ अथाऽग्रे विज्ञप्तिसाज्झाय लिख्यते ॥
॥ गुरु पाटीयै पधारो - ए देशी ।। हुं तो सरसती प्रणमुं पाया, ए तो गावू गछपती राया,
गुरु दिन दिन तेज सवाया, मनोहर वीनती अवधारो, गुरु मरुधर देश पधारो ॥१॥
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