________________
जान्युआरी-2007
57
३.
अहमदाबाद, क्रमाङ्क ४५९३ सद्रत्नसार्द्धशतक, प्रश्नोत्तर, संस्कृत, १९०९ इन्दौर, अ., ह. आचार्यशाखा ज्ञान भं., बीकानेर, कान्तिसागरजी संग्रह श्रीपालचरित्र, कथा चरित्र, संस्कृत, १९०८, अप्रकाशित, हस्त. कान्तिविजय संग्रह, बड़ौदा १९१०, स्वयं लि. चतुर्विंशति जिन स्तोत्र, स्तोत्र, संस्कृत, १९वीं, अप्रकाशित, हस्त. खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर प्रश्नोत्तररत्न, प्रश्नोत्तर, हिन्दी, २०वीं, अप्रकाशित, हस्त. सदागम
ट्रस्ट, कोडाय ७. चौवीसी-जिन स्तवन चौवीसी, चौवीसी साहित्य, हिन्दी, २०वीं
अप्रकाशित, हस्त. खजांची संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., जयपुर इक्कीसप्रकारी पूजा, पूजा, प्राचीन हिन्दी, १८९५ बनारस, अप्रकाशित, हस्त. विनय. प्रतिलिपि, हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा एकादश अङ्गपूजा, पूजा, हिन्दी, १८९५, अप्रकाशित (अनु. ३५ में प्रकाशित), हस्त. नाहर संग्रह, कलकत्ता चौदह पूर्व पूजा, पूजा, हिन्दी, १८९५, अप्रकाशित, (अनुसं. ३५ में
प्रकाशित) हस्त. नाहर संग्रह, कलकत्ता ११. नवपद पूजा, पूजा, राजस्थानी, २०वीं, अप्रकाशित, उल्लेख, जैन गुर्जर
कविओ भाग-३, पृ. ३३६ . १२. पंच कल्याणक पूजा, भाषा-प्राचीन हिन्दी, रचना संवत् १८८९
कलकत्ता, महताबचन्द के आग्रह से । अप्रकाशित, विनय प्रतिलिपि १४. पञ्च ज्ञान पूजा, पूजा, हिन्दी, १९वीं, मुद्रित, जिन पूजा महोदधि,
हस्त., विनय. प्रतिलिपि । १५. समवसरण पूजा, प्राचीन हिन्दी, १९१...खम्भात, अप्रकाशित, हस्त.
नाहर संग्रह, कलकत्ता १६. नवपद चैत्यवन्दन स्तवन स्तुति, गीत स्तवन, प्राचीन हिन्दी, २०वीं,
मु., हरिसागरसूरिज्ञान भं., पालीताणा
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org