SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 247
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अनुसंधान-१६ • 242 (नालीकसूनुब्रह्मा) सोऽथाजनि प्रागकरीरसंज्ञा - (१५१) श्लोक ५१-१०६ सुधीना देवीवर्णनमा संशोधकश्री धारे छे तेवू तंत्रशास्त्रीय गूढ रहस्य जणातुं नथी । कविनो निर्बन्ध कल्पनाविहार ज छे, उत्प्रेक्षाओनी भरमार छ । श्लोक १०८ थी ११३ सुधी कविए करेली वाग्देवीनी स्तुति छे । श्लोक १३९ थी १४६ नो अर्थ मने नीचे मुजब बेसे छे १३९. "ते दिवसे साधकना नयनकमल निद्राविमुक्त व्यथा त्यारे चित्तान्तर्गत सरस्वतीरूपी नदीमां रहेला स्वप्नकमलमां एक ज बीज रही गयु" १४०. "अपमानित थयेली चंचल नारीनी जेम, जाप दरमियान अपमान पामेली निद्रा कोप करीने साधकने मळेला बीजमन्त्रो लईने जाणे चाली गई । अथवा रांकना घरे रत्न स्थिर थतुं ज नथी ।" १४१. "ए मन्त्रो चित्तमांथी नीकळी गया तो शुं थयुं ? हृदयरूपी आवासमा रहेलो आ एक ज बीजमन्त्र (ॐकार) एने बधुं ज आपशे । ग्रह वगरनो सूर्य पण जगतने प्रकाश आपी शके छे ।" १४२. "पांच रंगवाळो, विघ्नरूपी सोने शीघ्र नाश करनारो, जेना मस्तक पर कलारूपी शिखा शोभे छे एवो, मयुरनी शोभाने झांखी पाडनारो जे बीजमन्त्र उत्तम जनोना हृदयवनमा रमतो रहे छे ।" १४३. "पापने हांकी काढवा माटे वगाडतांनी साथे शंख जे(ॐ कार)नो उच्चार करे छे, तेथी ज वासुदेव शंखनुं पुत्रनी जेम चुम्बन करे छे ।" (आ श्लोकना अमुक शब्दो अस्पष्ट रहे छे, किन्तु भावार्थ अहीं जणाव्यो ते ज छे एमां शंका नथी ।) १४४. "ब्रह्माना होठ रूपी द्वारो अन्य वर्णो-अक्षरोथी रुंधाइ गयेला जाणीने, अन्यनो स्पर्श थवानी बीके, जे बीजमन्त्र जाणे ब्रह्माना मस्तकनी दीवालोने भेदीने बहार नीकळ्यो ।" (ब्रह्माना मस्तकमांथी ॐकारनो ध्वनि नीकळे छे एवी मान्यता परथी उत्प्रेक्षा करी छे ।) १४५. "(ॐकारमा रहेली) त्रण रेखाओ ए त्रण जगत छे, श्वेत प्रकाशमय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520516
Book TitleAnusandhan 2000 00 SrNo 16
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2000
Total Pages254
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy