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प्रकाशन-परिचय
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1. Ayaranga : Word Index and Reverse Word Indcx. 2. Suyagada : Word Index and Reverse Word Index.
M. Yamaraki, Y. Ousaka. Philologica Asiatica Monograph Series Nos. 8,9. The Chuo Academic Research Institute, Tokyo 1996. Nirayāvaliyā Suyakkhandha, Uvangas 4-12 of the Jain canon. Introduction, text-edtion and notes. Josef Deleu. Translated from the Dutch by J.W. de Jong, Royce Wiles. Philologica Asitica
Monograph Series 10. प्रकाशक उपर मुजब । पहेला पुस्तकमां 'आचारांग-सूत्र'नी संपूर्ण शब्दसूची तथा शब्दान्त वर्णोना क्रमे तेमनी संपूर्ण ऊलटसूची रोमन लीपिमां आपी छे. ते ज प्रमाणे बीजा पुस्तकमां 'सूत्रकृतांग-सूत्र'नी बंने प्रकारनी शब्दसूची. त्रीजा पुस्तकमां 'निरयावलिया' ए उपांग ८थी १२नो संपादित पाठ, भूमिका अने टिप्पण, जे योझेफ देलेउए डच भाषामा प्रकाशित कर्यां हतां, तेनुं अंग्रेजी भाषान्तर आप्युं छे. आ जपानी संशोधन संस्थानी जैन आगम साहित्यने लगती संशोधन-ग्रंथमालामां आ पहेलां प्रकाशित 'इसिभासियाई' अने 'दसवेयालिय'नी पादसूची अने ऊलटपादसूचीनो परिचय 'अनुसंधान' ना त्रीजा अंकमां आप्यो हतो.
ह. भायाणी
संशोधन-समाचार एल. डी. इन्स्टिटयूटना विझिटिंग प्रोफेसर नारायण कंसाराने बे वर्ष पूर्वे दिल्ही स्थित भोगीलाला लहेरचंद इन्स्टिटयूट ऑफ इन्डोलोजी (दिल्ही) तरफथी बुद्धिसागरसूरि (वि. सं. १०८०) रचित 'पंचग्रंथी' व्याकरण- संपादनकार्य सोंपायेखें. तेमांनुं संशोधित ग्रंथपाठ तैयार करवानुं कार्य पूरुं थयुं छे. हवे बाकीनु-प्रस्तावना, परिशिष्टो वगेरे तैयार करवानुं कार्य चालु छ ।
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