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आजीजी
गिरीअम् हुं जाहर वींनती परमेश्वरनै जारी अरज षुदाही बे । अ० १ तुम हजूर आव्यो छु सेवानै अर्थे प्रभु मोटा छो हाजर आमद बिंदगी मुशफक् शी रीते दिवस जाइ कैसें रोज गुदस्तें बे। महैरबानी करीनै नेक निजरै कृपा करवी लुत्फ ब-कुन चस्म इनायत् चित माहरूं तुमसुं बांध्यु छइ दील मन् अज-तो बस्ते (बे)। अ० २ माहरी इच्छा मननी बीजी वांछना नथी राषतो मा तलबीदम तलब न मुदम् चाकरी हजुर करीइं तो नफो थाइ महनत् अलफ् कसीदे बे। . जोयुं संसारमा घणो तुझथी नफो होइ चुस्ते दुनियां बहर बफाए तुं वेगलो छे हाथ शी रीते पोहचै तुं दुर (दूर ?) दस्त रसीदे [बे] । अ० ३ जुदा जुदा मैं देव दीठा गोंनागोंन आ बुदम् दि दें चित्तमां न आव्या अम्मां षातर नामदें बे । तुं परमेश्वर आजथी इसक छे तु ही षुदावत आ तर इसकां बीजी (?) सुरति नावै बाजे (?) सुरति नामदै (बे)। १८ अ०
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