SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 50
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 93. A Treasury of Jain Tales. Edited by V.M. Kulkarni. 9888. जैन आगमग्रंथो अने तेना उपरना टीकासाहित्यमांथी पसंद करेल, विविध प्रकारनी १२४ दृष्टांतकथाओनो अंग्रेजी अनुवाद : जैन कथासाहित्य विषयक विस्तृत प्रस्तावना तथा टिप्पण साथे. 98. The Harivijaya of Sarvasena. V.M. Kulkarni. 9889. ईसवी चोथी शताब्दीना पूर्वार्धमां थई गयेला वाकाटक राजवी सर्वसेने महाराष्ट्री प्राकृतमां रचेला, पण लुप्त थई गयेला, कृष्णना पारिजातहरण विषयक महाकाव्यना, भोजकृत 'सरस्वतीकंठाभरण', 'शृंगारप्रकाश' वगेरे अलंकारग्रंथोमां जे ९५ जेटलां उध्धहरणो भ्रष्ट स्वरूपमा मळे छे, तेमनुं पाठशुद्धि साथे संपादन : अंग्रेजी अनुवाद, टिप्पण अने प्रस्तावना सहित. १५. फिलिस ग्रेनोफ संपादित The Clever Adulteress : A Treasury of Jain Literature (१९९०)मां, (१) 'नायाधम्मकहाओ' माथी ‘मयूरी-अंड’नी कथा (विलेम बोले), (२) 'आवश्यकवृत्ति' माथी ५१ कथाओ (नलिनी बलबीर), (३) 'आख्यानकमणिकोश'मांथी 'रोहिणीआख्यानक' (प्रेमसुमन जैन), (४) 'मूलशुद्धिप्रकरण'माथी देवधर, देवदिन्न अने अभिनवश्रेष्ठीनी कथाओ (फिलिस ग्रेनोफ), (५) 'बृहत्कथाकोश'माथी यशोधरनी कथा (फ्रिडहेम हार्डी), 'प्रबंधकोश'मांथी आर्यनंदिल, जीवदेव, आर्यखपटाचार्य, हर्षकवि, मदनकीर्ति, मल्लवादीना प्रबंध (फिलिस ग्रेनोफ), 'आख्यानकमणिकोश' मांथी मल्लवादी-आख्यानक (फिलिस ग्रेनोफ), 'वृद्धाचार्यप्रबंधावलि' माथी जिनेश्वरसूरिप्रबंध (फिलिस ग्रेनोफ) (६) 'विविधतीर्थकल्प'माथी अंबिका अने कपर्दीयक्षनी कथा (फिलिस ग्रेनोफ) (७) 'परिशिष्टपर्व'मांथी चाणक्यकथा (रोझेलिन्ड लफेबर), (८) 'आदिपुराण'मांथी भरत अने बाहुबलिनी कथा (राल्फ स्ट्रोल), (९) 'विविधतीर्थकल्प'माथी १२ तीर्थोना वृत्तांत (जोन कोट) एटली कथाओ आपी छे, परिचय अने टिप्पणो साथे. १६. Monks and Magicians : Religious Biographies in Aasia. संपादको : फिलिस ग्रेनोफ, कोईचि शिनोहारा (१९८८). आमां अन्य परंपराओमां मळता धर्माचार्योना जीवनचरित्रोनी चर्चा उपरांत जैन प्रबंधोमां मळता नागार्जुन-प्रबंध अने [49] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520503
Book TitleAnusandhan 1994 00 SrNo 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year1994
Total Pages54
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy