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________________ ध्यानाग्नि से कर्म भस्मीभूत रोको, बात तो बराबर है। किसी की गर्दन काटो, या किसी को जाए कि सभी लोग झूठ बोलते हैं और सभी लोगों को झूठ पैदा न होने दो। पैदा न होने देने का मतलब हआ कि तुमने गर्दन बोलना ही धर्म है तो उसी दिन झूठ मुश्किल में पड़ जाएगा। बनने के पहले ही काट दी। क्योंकि कौन तुम्हारा भरोसा करेगा? तुम सच भी कहो तो लोग फिर इमेन्युएल कांट ने कहा कि नीतिशास्त्र का आधारभूत समझेंगे, झूठ बोल रहे हो। नियम है कि जिस सूत्र को मानकर हम चलें उसके मानने से ऐसी अगर चोरी नियम हो तो चोरी असंभव हो जाएगी। अगर सभी घटना नहीं घटनी चाहिए कि उस सूत्र को मानना ही असंभव हो लोग चोरी कर रहे हों तो चोरी का अर्थ क्या है? एक घर से दूसरे जाए। नहीं तो वह आत्मघाती सूत्र हुआ। | घर चीजें उठाकर रखने में फायदा क्या है? सार क्या है? जहां जैसे ममयो दमेन्याल कांट कहता है. झठ बोलना पाप है. सभी चोर हों...इसलिए तमने देखा होगा, कि चोरों के जो मंडल अगर सभी लोग झूठ बोलने लगे तो झठ होते हैं, वे आपस में चोरी नहीं करते। क्योंकि वहां तो नियम बोलना संभव न रह जाएगा। झूठ तो चलता इसीलिए है कि कुछ मानकर चलना चाहिए कि चोरी नहीं। नहीं तो जीवन ही मुश्किल लोग अभी भी सच में भरोसा करते हैं। झूठ झूठ के कारण नहीं हो जाएगा। चलता, सच पर भरोसा करनेवालों के कारण चलता है। झूठ के इमेन्युएल कांट ने कहा है, ऐसा ही ब्रह्मचर्य भी है। अगर सभी अपने पैर नहीं हैं। सच की बैसाखी को लेकर चलता है। लोग ब्रह्मचारी हो जाएं तो इस जगत में ब्रह्मचर्य को पालन करने इसीलिए तो झूठ बोलनेवाला बड़ा दावा करता है कि मैं सच बोल के लिए भी कोई न बचेगा। इसका अर्थ हुआ कि अगर दुनिया में रहा है। जब तक वह तम्हें भरोसा न दिला दे कि मैं सच बोल रहा ब्रह्मचारी चाहिए तो कुछ कामी चाहिए ही होंगे; नहीं तो ब्रह्मचारी हूं, तब तक झूठ बोलने का अवसर नहीं, उपाय नहीं। न बचेंगे। एक अदालत में मुल्ला नसरुद्दीन पर मुकदमा था। एक बहुत | तो ब्रह्मचर्य का नियम सार्वलौकिक नहीं हो सकता। इसके सीधे-सादे, साधु पुरुष को उसने धोखा दे दिया। उसकी जेब मानने के लिए भी, इसके माननेवालों के होने के लिए भी, इसको काट ली। पुरानी मित्रता थी और साधु पुरुष था; इस पर भरोसा तोड़नेवालों की जरूरत है। करता था। गांव भर को पता था कि वह आदमी अत्यंत साधु है। महावीर ब्रह्मचर्य को उपलब्ध हो सकते हैं क्योंकि महावीर के मजिस्ट्रेट को भी पता था। मजिस्ट्रेट ने कहा, 'नसरुद्दीन! माता-पिता ब्रह्मचर्य को उपलब्ध नहीं थे। अगर महावीर के किसी और को धोखा देते। यह तुम्हारा पुराना मित्र, बचपन का माता-पिता ने ही ब्रह्मचर्य साधा होता तो महावीर के होने की साथी। गांव में साधु की तरह पूजा जाता, इसकी तुमने जेब संभावना ही न थी। तो महावीर के होने के लिए महावीर के काटी? तुम्हें संकोच न हुआ? जो इतना भरोसा करता है तुम माता-पिता की कामवासना को धन्यवाद तो देना ही होगा। बुद्ध पर, उसकी जेब काटी?' को, या कृष्ण को, या क्राइस्ट को होने के लिए भी कामवासना नसरुद्दीन ने कहा, 'तो और किसकी काटूं? वह जो भरोसा का सहारा ही लेकर आना पड़ेगा। करता है, उसी की काटी जा सकती है। जो भरोसा नहीं करता इसे समझने की जरूरत है। उसकी तो काटनी मुश्किल है।' ब्रह्मचर्य जीवन का समाप्त-अंतिम अध्याय होगा; अंतिम साधु को ही धोखा दिया जा सकता है; धोखेबाज को कैसे पटाक्षेप हो जाएगा। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि ब्रह्मचर्य पालन दोगे? ईमानदार के साथ ही बेईमानी की जा सकती है; बेईमान | मत करना। क्योंकि सभी ब्रह्मचर्य पालन कर सकें, यह असंभव के साथ कैसे करोगे? है। एक भी पालन कर पाए, यह भी बड़ा कठिन है, तो सभी कर इमेन्युएल कांट ने कहा, कि जिस सूत्र को मानने से उस सूत्र पाएंगे यह तो असंभव है। को मानना असंभव हो जाए, वह अनैतिक है। तो झूठ अगर इमेन्युएल कांट ने असंभव की बात को संभव मानकर गलत सभी लोग मान लें, अगर झठ सार्वलौकिक हो जाए, यनिवर्सल | सिद्ध करने की चेष्टा की है। यह होनेवाला नहीं हो जाए तो झूठ असंभव हो जाएगा। अगर यह घोषणा कर दी से आदमी ब्रह्मचर्य की चर्चा करता है, शास्त्र लिखता है। कभी 371 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.340150
Book TitleJinsutra Lecture 50 Dhyanagni se Karm Bhasmibhut
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages1
LanguageHindi
ClassificationAudio_File, Article, & Osho_Rajnish_Jinsutra_MP3_and_PDF_Files
File Size41 MB
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