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________________ हो / लोभ में संतुलन टूटा और उसने कहा, 'अगरल्ला नसरुद्दीन ने कह ये चार शत्रु लेते हैं। लोभ में संतुलन टूट जाता है। मोह में ऐसी बातें निकल जाती हैं, संतुलन छूट जाता है। मुल्ला नसरुद्दीन एक स्त्री के प्रेम में था, और उसने कहा, 'अगर तुमने मुझसे विवाह न किया, तो पक्का जान रखो, आत्महत्या कर लूंगा।' उस स्त्री ने पूछा, 'सच?' वह डर गयी, 'सच आत्महत्या कर लोगे?' मुल्ला नसरुद्दीन ने कहा- दिस हैज बीन माई यूजुअल प्रोसीजर / यह मैं सदा ऐसा ही करता रहा हूं। जब भी किसी स्त्री के प्रेम में पड़ता हूं, तो सदा यही करता हूं, आत्महत्या!' __जब आप भी प्रेम में होते हैं तो आप ऐसी बातें कहते हैं, जो आप न करते हैं, न कर सकते हैं। वह पागलपन है-एक हारमोनल डिसीज / आपके भीतर ऐसे रासायनिक तत्व दौड़ रहे हैं कि अब आप होश में नहीं हैं। जो आप कह रहे हैं, उसका कोई मतलब नहीं है ज्यादा। मुल्ला नसरुद्दीन अपनी प्रेयसी से कहता है कि कल तो मैं आऊंगा। न पहाड़ मुझे रोक सकते हैं, न आग की वर्षा / भगवान भी बीच में आ जाये, तो मुझे रोक नहीं सकता। फिर जाते वक्त कहता है कि अगर पानी न गिरा तो पक्का आऊंगा। ___ अपनी एक प्रेयसी से बिदा ले रहा है। बिदा लेते वक्त उससे कहता है, तेरे बिना मैं जी न सकूँगा। तुझ से ज्यादा सुंदर स्त्री इस पृथ्वी पर कोई भी नहीं है / शरीर ही जा रहा है, आत्मा यहीं छोड़े जा रहा हूं। फिर सीढ़ियां उतरते कहता है; लेकिन कुछ ज्यादा इसका खयाल मत करना, ऐसा मैं बहुत स्त्रियों से पहले भी कह चुका हूं, आगे भी कहूंगा। ___ जब आप मोह में हैं—जिसको आप प्रेम कहते हैं, और प्रेम शब्द को खराब करते हैं तब आप जो बोल रहे हैं, वह बेहोशी है। जब आप क्रोध में हैं, तब आप जो कह रहे हैं, वह भी बेहोशी है। __ संयम का अर्थ है—होश / ये बेहोशियां न पकड़ें, आदमी संतुलित हो जाये, संयमी हो जाये, अपने में खड़ा हो जाये। ऐसी बातें न करे, ऐसा व्यवहार न करे, ऐसा जीवन चेतना का, समय का उपयोग न करे, जिसके लिए वह खुद भी होश में आने पर कहेगा, पागलपन था। ___ इसलिए सभी बूढ़े जवानों पर नाराज दिखायी पड़ते हैं। इसका और कोई कारण नहीं है, अपनी जवानी का दुख / सभी बूढ़े जवानों को शिक्षा देते दिखायी पड़ते हैं। असल में अगर उनको मौका मिलता अपनी जवानी को शिक्षा देने का, जो किसी को मिलता नहीं, वह दूसरों पर निकाल रहे हैं / लेकिन वे भूल कर रहे हैं। उनके मां-बाप भी उनको ऐसी शिक्षा दिये थे, कोई कभी सुनता नहीं / जवानों को बड़ा गुस्सा आता है कि क्या बकवास लगा रखी है, लेकिन बूढ़े बेचारे अनुभव से कह रहे हैं। उन्होंने ये दुख उठा लिए हैं और ये पागलपन कर लिए हैं। ___ मुल्ला नसरुद्दीन बैठा है एक बगीचे की बेंच पर अपनी पत्नी के साथ / सांझ हो गयी है। वृक्षों की छाया में कोई नया युगल, एक नया युवक और नयी युवती प्रेम की बातें कर रहे हैं। पत्नी बेचैन हो गयी है। आखिर पत्नी ने मुल्ला से कहा कि ऐसा मालूम पड़ता है ड़का और यह लड़की शादी करने की तैयारी कर रहे हैं। तुम जाकर कुछ रोकने की कोशिश करो। जरा खांसो खंखारो। मुल्ला ने कहा, 'मुझको किसने रोका था? सब अपने अनुभव से सीखते हैं, बीच में पड़ने की कोई भी जरूरत नहीं है।' वह जब काम पकड़े, क्रोध पकड़े, मोह पकड़े, मान पकड़े तब खयाल करना, कितने अनुभव से सीखिएगा! काफी अनुभव नहीं हो सका है, नहीं हो चुका है। कितना अनुभव हो चुका है? पुनरुक्ति कर रहे हैं। हां, एक अनुभव जरूरी है, लेकिन पुनरुक्ति मूढ़ता है। एक भूल आवश्यक है, लेकिन उसी को दुबारा दोहराना मूढ़ता है। ___ मूढ़ वे नहीं हैं, जो भूलें करते हैं, और बुद्धिमान वे नहीं हैं, जो भूलें नहीं करते / बुद्धिमान वे हैं जो एक ही भूल दुबारा नहीं करते। मूढ़ वे हैं जो एक ही भूल को अभ्यास से बार-बार करते हैं। 95 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.340032
Book TitleMahavir Vani Lecture 32 Ye Char Shatru
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages1
LanguageHindi
ClassificationAudio_File, Article, & Osho_Rajnish_Mahavir_Vani_MP3_and_PDF_Files
File Size80 MB
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