________________ महावीर-वाणी भाग : 1 स्वीकार करते हैं, आप उसके ऊपर उठ जाते हैं-तत्क्षण। काया-क्लेश का यही अर्थ है। छठवां महावीर का बाह्य तप है—संलीनता। उस पर हम कल बात करेंगे। अभी बैठेंगे...! 228 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org