________________ बारस इक्कारसमे बारसमे तेरसेव वत्थूणि। तीसा पुण तेरसमे चोद्दसमे पण्णवीसा उ।। 8. चत्तारि दुवालस अट्ठ चेव दस चेव चूलवत्थूणि। आइल्लाण चउण्ह सेसाणं चूलिया नस्थि –श्रीमन्नन्दीसूत्रम् (पू. हस्तीमल जी म.सा. द्वारा अनूदित) पृ. 148 9. ते सव्वुवरि ठिया पदिज्जति य अतो तेसु य पव्वय चूला इव चूला। (नन्दीचूर्णि) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org