________________ [194 .. जिनवाणी- जैनागम साहित्य विशेषाङ्क चर्या को चलाना चाहिये। जीवन का उत्तरार्ध कैसे सार्थक हो, इसके लिये हमेशा सजग रहना चाहिये। -संयोजक, श्री स्थानकवासी जैन स्वाध्याय संघ, जोधपुर जी-21, शास्त्री नगर, जोधपुर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org