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अनुसन्धान ५० (२)
आदिस्रोत नथी. वेदमां पण ते कथा तो ते समयनी कण्ठपरम्परामांथी आवी छे. अने वेदनी रचनाकाळे पण कण्ठप्रवाहमां जे कथा हती ते पण भारतयुरोपीय कुळनी अप्सरा अने मानव वच्चेनां प्रेम अने शरती लग्ननी कोइ मूळ कथानां रूपान्तरे अस्तित्व धरावती प्राचीनतम कथा हती. अनुं मूळ कथा-माळय़ आर्ने अने स्टीथ थोम्सनना Story-type Index मां छे. आ कथानां विविध रूपान्तरो अने संक्रमणनी सवीगत चर्चा टोनी-पेन्झरकृत कथासरित्सागरना अंग्रेजी भाषान्तरमां छे. तात्पर्य अटलुं ज के (१) जे कथानां मूळ प्रमाणे संस्कृत-प्राकृतादि भाषाओना कोई ग्रन्थमां होवानुं जणावीओ छीओ ते पण कंइ सम्बन्धित कथानुं उद्भव-मूळ, आदि स्रोत, origin नथी, केमके ग्रन्थमां पण ते कथा तत्कालीन कण्ठप्रवाहमांथी ज लेवामां आवी होय छे अने (२) आवी रीते पण कण्ठप्रवाहनी कोइ कथा लिखित दस्तावेजी रूप पामी 'नियतशाब्दी' अटले के जेनो पाठ - Text - निश्चित छे ओवी बने छ, Lore रूपे जे तरतुं Floating अने परिवर्तनशील ओ चंचळ छे,अनुनेय Flexible छे ते निश्चित - Fixed अने स्थिर - static बने छे, ओ पछी पण आवी कथा अने अना विविध रूपान्तरो कण्ठ द्वारा कहेवाती लोककथा तरीकेपोतानुं अस्तित्व टकावी राखे छे तथा प्रदेश अने भाषाभेदे तेनां विविध रूपान्तरो जोवा मळे छे. प्रेमकथा अने चातुर्यकथा अवा बे मुख्य प्रकारोमां प्राचीनतम मूळनी कथाओ छेक वीसमी सदीना अन्त सुधीनी कण्ठ परम्परामां अस्तित्व धरावती जोवा मळे छे. अहीं, चातुर्यकथानो ज ओक विशेष प्रकार 'बोले बांधनार'नां कथानको विशे चर्चा करवानो उपक्रम छे.
'बोले बांधवू' अटले बोलनारना शब्दने पकडी लई, अनुकूळ होय ओवा भळता अर्थने अनुसरवं. आम थतां बोलनार आपत्तिमां मुकाय ने सामी व्यक्तिनी गुनो कर्यानी फरियाद सामे निर्दोष पुरवार थाय अने छूटी जाय, सजा न पामे. आवा बोले बांधनारमां पण मुख्य बे प्रकार छ : अमां पहेलो प्रकार ओवो छे के बोलने वळगनारनो पोतानो हेतु कंई सामी व्यक्तिने छेतरीने अंगत स्वार्थ सिद्ध करवानो होतो नथी. क्यारेक नियति के परिस्थितिवश अथवा तो बाघाईने कारणे बोलनार- अहित थतुं होय छे – पालिनी 'ग्रामीण चण्ड' अने ओनां रूपान्तरोमां ओ जोवा मळे छे. बीजो प्रकार ओवो छे जेमां बोलथी बांधी