________________ // 28 // // 29 // ||30 // // 31 // // 32 // // 33 // जगगुरुबिरूदं दिन्नं बंदिअमोक्खो कओ अ तेणावि / सारसजीवसमूहे विसेसओ अभयदाणं च गुज्जरदेसो तत्थ य पल्हायणनाम पुरवरं अत्थि / (?) मालव-लाहूरमरुत्थली विमले गोड-सुलताणे / दिल्लीमंडलपमुहे देसे निग्घोसिओ पडहो आसुरं पु(फु)रमाणं दिन्नं जीवस्स रक्खणं परमं / बारसदिणाणि निययं विमले पज्जूसणापव्वे झल्लरि-भेरि-नफेरी-दुंदुहिनिग्घोसपुव्वयं तेणं / जिणमंदरिम्मि पडिमा-संठवणं तेण कारविअं आमिसभक्खणचाओ सत्त दिणाणीह मासमज्झम्मि / जस्स पभावेण कओ खेमकरो सो गुरू जयउ उच्छवपुव्वं जेणं कया पइट्ठा जिणस्स पडिमाणं / भूवइसक्खं दिक्खा दिना संविग्गसड्डस्स अह थानसिंहमंती कारेइ जिणस्स सुंदरपइटुं / हयरासि-मुद्दिआई-दाणं दिन्नं पमोएणं मग्गणजणस्स दिन्नं गयदाणं जस्स सावरणावि / पुणरवि लक्खपसाओ कओ अ एगस्स गीअस्स वायगपयं च दिन्नं सेवापरसंतिचंदविबुहस्स / रनो अकब्बरस य समत्थआउज्जनिग्रोसे तह मेडताभिहाणे नागपुरे तह य सूरतिप्पमुहे / नयरे धनविजयेणं जिणगेहे ठाविआ पडिमा सयलभयाणं च हरे कंचणवन्नो विसुद्धविनाणो / सइंसणेण कलिओ सोभागी कन्हजणउव्व पज्जुन्नरूवकंतो खंतो दंतो पसस्सगुणनिलओ / एरावणगइकंतो सुधम्मझाणट्ठिओ भयवं सिरिहीरविजयसूरि-सीसवरो विजयचंदविबुहेसो / सिद्धबलसोमकित्ती जिअविज्जासुरगुरू (?)तस्स एवं भत्तिभरेणं सीसेणं संथुयो गयकलंको / सिरिहीरविजयसूरी जुगपवरो परमसुहहेऊ // 34 // // 35 // // 36 // // 37 // // 38 // // 39 // // 40 // // 41 // टि, 1. पंक्तिरियमप्रस्तुताऽपि प्रतौ यथा तथाऽत्रापि लिखितास्ति // [55] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org