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________________ अनुसन्धान 50 (2) त्रूटक सरसती किरि मुखि वसइ, अमिरत्तवाणि१८ सोहामणी, गणि भावलक्ष्मी नाभि भगवति, सती सयल सिरोमणी, तपगच्छ सोह१९ करइ मुहतर२०, रतनचूला शिक्षणी, सिद्धन्त२१ वांचइ सुकृत सांचइ२२, सारसीति२३ सलक्षणी 9 // हिव राग धुल धनासी // लक्षण-गुणमणिखाणि, जाण कि चन्दन२४ अवतरी ए, रूप सोभाग निधान, दरिसणि दुक्खि परिहरी ए 10 धन धन जननी कूख, दूखलिउं जीणं ऊपनां ए, गछमाहि मेरू समान, ज्ञान चारित्रपात्र नींपनां ए 11 नीपनां चारित्रपात्र चतुर्विध संघ मन आनन्द ए, प्रमाद टालइ पुण्य पालइ पापमूल निकंदए, श्रीउदयधर्म उज्झांय सेवक इम मुकुन्द समुच्चरइ, २५भलपणइं भगवति भावलक्ष्मी महिम२६ महीयलि विस्तरइ 12 // इति धुल ॥छ। ग्रं. 29 // शब्दकोश 1. शासनदेवति = शासनदेवता 14. मरगदि = मरकत रत्न जेवी, 2. हईया = हृदय 15. लयुं = लीधुं 3. किसिउं = केवं 16. साखि = साक्षिए 4. वासना = ? 17. कुयर = कुंवर 5. सरगजमलि = स्वर्गसमान 18. अमिरत्तवाणि = अमृतवाणि 6. तुडि = स्पर्धा, बरोबरी 19. सोह = शोभा 7. पोलि = दरवाजो 20. मुहतर = महत्तरा 8. पगार = किल्लो 21. सिद्धन्त = सिद्धान्त 9. किर = जाणे के 22. सांचइ = एकळु करे छे. 10. महति = मोटा (?) 23. सारसीति = ? सरस्वति 11. मुहवडि = आगळ पडता 24. चन्दन = चन्दनबाळा 12. किज्ज = कार्य 25. भलपणइं = श्रेष्ठपणामां 13. सलहिज्जए = वखाणवा 26. महिम = महिमा, महात्म्य
SR No.229468
Book TitleSadhviji Bhavlakshmi Dhulbandh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuyashchandravijay, Sujaschandravijay
PublisherZZ_Anusandhan
Publication Year
Total Pages3
LanguageHindi
ClassificationArticle & 0_not_categorized
File Size56 KB
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