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________________ जून 2008 103 ७९-कुलगर अवगाहना नवधणसयाई पढमो 1 अद्य 2 सत्त३ अद्धसत्तमाई च 4 / छच्चेव 5 अद्धछट्ठा 6 पंचसया 7 पणवीसा य / / 176|| ___७९-ए पूर्वोक्त कुलगरना शरीरनो मान कहूं छउं. नव सय धनुषनओ ऊंचो प्रथम कुलगर. आठ धनुष. सात धनुष. साढा छ सय धनुष. छ सय धनुष. साढा पांच सय धनुष. पांच सय धनुष ऊपरवली 25 धनुष ऊंचा. // 176 / / ८०-कुलगर वर्ण चखुम 1 जससमं च 2 पसेणईए य 3 पियंगुवन्नाभा। अभिचंदो 4 ससिगोरो निम्मलकणयप्पहा सेसा // 177 // ८०-ए ७नी देहमान कहइ छइ. चक्षुषमान बीजो. यशस्वी त्रीजो कुलगर. प्रसेनजित पांचमो एतला नीलइ वर्णइ. अभिचंद्र चउथो चंद्रवत् गोरो. शेष निर्मल सोनानइ वर्णइ. // 177 // 81. कुलगरभार्या - चंदजस 1 चंदकंता 2 सरूव 3 पडिरूव 4 चखु(क्खु)कंता य 5 / सिरिकता 6 मरुदेवी 7 कुलगरपत्तीण नामाणि // 178 / / ८१-कुलगर ७नी स्त्रीना नाम कहइ छइ. चंद्रयशा 1 चंद्रकान्ता 2 सरूपा. प्रतिरूपा. चक्षुकान्ता. श्रीकान्ता. मरुदेवी. ए७ कुलगरनी स्त्रीना नाम कह्या. // 178 / / __संघयणसंठाणं उच्चत्तं चेव कुलगरेहि समं। वनेण एगवन्ना सव्वाओ पियंगुवण्णाभा / / 179 / / संघयण तथा संस्थान ऊंचपणुं. वली कुलगरनी परि सरिखा जाणिवा. वणि करी सर्वनो एकवर्ण, सगलीनी नीलावर्णनी कांति. // 179 / / ८२-कुलगर आयु: पलिओवमदसभागो पढमस्साओ तओ असंखिज्जा। ते आणुपुव्वी हीणा पुव्वा नाभिस्स संखिज्जा // 180 / / ८२-आउषानो प्रमाण कहइ छइ. पल्यनो दशमो भाग प्रथम कुलगरनो आउष. तिवार पछी असंख्याता पूर्व. तिहांथी अनुक्रमइ ओछा कहीइं पूर्वना नाभिनइ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.229364
Book TitleShatpanchashitika Sangrahini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmkirtivijay
PublisherZZ_Anusandhan
Publication Year
Total Pages18
LanguageHindi
ClassificationArticle & 0_not_categorized
File Size623 KB
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