SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 36
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 102 अनुसन्धान 44 महभदं 18 देवजसं 19 अजियवीरियं 20 वीसइमं वंदे / एए उ विहरमाणा होति लहुपए वि विदेहेसु // 171 / / महाभद्र देवजस. अजितवीर्य वीसमानइ वांदूं. ए पूर्वोक्त विहरमान छइ जघन्यपदइ महाविदेहक्षेत्रइ. // 171 / / ७६-नारदनाम भीमेय 1 महाभीमे 2 काल 3 महकाल 4 रुद्द 5 महारुद्दे 6 / चउम्मुह 7 नरमुह 8 अणमुह 9 कच्छूलनामा इमे भणिया // 172 / / ७६-नव नारद नाम कहइ. भीम. महाभीम. काल. महाकाल. रुद्र. महारुद्र. चतुर्मुख. नरमुख. अनिमुख. कुत्सित आचारना नारद नाम. // 172 // 77-11 रुद्र नाम भीमावलि 1 जियसत्तु 2 रुद्दो 3 विसानलो 4 सुपइट्ठो य 5 / अयलो य 6 पुंडरीओ 7 अजियधरो 8 अजियनाभो य 9 / / 1735 77-11 रुद्र नाम कहइ छइ. भीमावली. जितशत्रु. रुद्र. विश्वानल. प्रतिष्ठित. अचल. पुंडरीक. अजितधर. अजितनाभ नामा. // 173|| पेढालो 11 तह सच्चई 11 एए रुद्द एक्कारसंगधरा / उसहो 1 जिय 2 सुविहाई 8 अडजिण सिरिवीरतित्थभवा // 174 / / पेढाल. तथा सत्यकी. ए पूर्वोक्त रुद्र 11 अंगना जाण. ऋषभनइ वारइ 1 अजित वारइ 2 सुविधिनइ वारइ वीर आदिदेई नइ शांति लगइ 8 रुद्र वीरनइ तीर्थइ // 174 // ७८-वर्तमानकुलगर पढमित्थ विमलवाहण 1 चक्खुम 2 जससमं 3 चउत्थमभिचंदे 4 / तत्तो य पसेणईए 5 मरुदेवे 6 चेव नाभी य 7 // 175 / / ७८-वर्तमान अवसर्पिणीना कुलगर. प्रथम विमलवाहन कुलगर. चक्षुषमान्. यशस्वी. चउथा अभिचंद्र. तिवार पछी प्रसेनजित. मरुदेव. नाभि कुलगर सातमो. // 175 // Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.229364
Book TitleShatpanchashitika Sangrahini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmkirtivijay
PublisherZZ_Anusandhan
Publication Year
Total Pages18
LanguageHindi
ClassificationArticle & 0_not_categorized
File Size623 KB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy