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________________ जून 2008 पउमुत्तरे 9 महाहरि 10 विजए राया 11 तहेव बंभे य 12 / उसप्पिणीइमीसे पिउनामा चक्कवट्टीणं // 105 // पद्मोत्तर राजा. महाहरी राजा, विजय राजा. तिम ज ब्रह्मराजा. ए अवसर्पिणीनइ विषइ पितानाम चक्रवर्तिना. // 105 / / ४१-चक्रीमाता सुमंगला 1 जस्सवई 2 भद्दा 3 सहदेवि 4 अइर 5 सिरि 6 देवी 7 ! तारा 8 जाला 9 मेरा य 10 वप्पगा 11 तह य चुलणी य 12 // 106 / / 81. चक्रीनी माता. सुमंगला माता 1. जसवती. भद्रा. सहदेवी. अचिरा 5. श्रीराणी 6. देवी 7. तारा 8, ज्वाला 9. मेरा माता 10. वप्रा राणी 11. तथा चुल्लणी राणी 12. // 106 // 42. चक्री आयु: चउरासीई 1 बावत्तरी य 2 पुव्वाणं सयसहसाइं / पंच य 3 तिन्नि य 4 एगं च 5 सयसहसाओ वासाणं // 107 / / 42. चक्रीनो आऊषो कहइ छइ. चउरासी लाख पूर्व. बहुत्तरी लाख आऊषो अनुक्रमि कहीइं // 107|| पंचाणउई सहसा 6 चउरासीई य 7 अट्ठमे सट्ठी 8 / . . तीसा य 9 दुसय 10 तिन्नि य 11 अप्पच्छिमे सत्तवाससया 12 / / 108 // पंचाणुहजार वरस. चउरासी हजार वरस. आठमानो साठि हजार वरस. तीस हजार वरस. वीस हजार वरस. तीन हजार वरस. ब्रह्मदत्तनो सातसय वरसनओ आऊषओ. // 10 // 43. चक्रीनगर वाणारसी 9 कंप्पिल्ले 10 रायगिहे 11 चेव कंपिल्ले 12 // 109 / / 43. चक्रीना नगरनाम कहइ छइ. विनीतानगरीइं जन्म भरतनओ 1. अयोध्याइं. सावत्थीइं. पांच चक्रीनो जन्म हस्तिनागपुर नगरई. वाणारसी जन्म, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.229364
Book TitleShatpanchashitika Sangrahini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmkirtivijay
PublisherZZ_Anusandhan
Publication Year
Total Pages18
LanguageHindi
ClassificationArticle & 0_not_categorized
File Size623 KB
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