________________ जून 2008 87 छत्रीसवरस, सोलइवरस. एतलो घरमांहे रहवानो काल गणधरोनो. हिवइ छद्मस्थ प्रव्रज्या यथाक्रमइ कहिस्यउं // 94|| ३६-छद्मस्थकालमान तीसा 1 बारस 2 दसगं 3 बारस 4 बायाल 5 चउदसदुगं च 7 / नवगं 8 बारस 9 दस 10 अट्टगं च 11 छउमत्थपरियाओ / / 95 / / ३६-छद्मस्थ द्वार कहइ छइ. तीस वरस. बार वरस. दश वरस. बार वरस. बइतालीस वरस. छेवट्ठा-सातमानइं 14 वरस. नव वरस. बार वरस. दश वरस. आठ वरस. एतलो काल छद्मस्थपणइ रह्या. // 95 // 37 केवलपर्यायप्रमाणं बारस 1 सोल 2 अट्ठार 3 अट्ठारसेव 4 अट्टेव 5 सोलस 6 / सोलसि 7 गवासा 8 चउ-दस 9 सोले य 10 सोले य 11 // 96 / / ३७-केवलपर्याय द्वार कहइ छइ. बार वरस लगि. सोल वरस. अढार वरस. आठ वरसलगि. आठ वरस. सोलइ वरस. सोलइ वरस. लगि. इगवीस वरस लगइं. चउदस वरस लगई. सोलइ वरस लगि. सोलवरस लगइ. // 96 / / ३८.-सर्वायु बाणउई चउहत्तरि 2 सत्तरि 3 ततो भवे असिईया 4 / एगं च सयं 5 ततो तेसीइ 6 पंचनउई य 7 // 97|| ३८-सर्व आऊषो केतलो. बाणुं वरस पहिलानउ. चउत्तरि वरस. सत्तर वरस. तिवार पछी असी वरस. एकसो वरस. तिवार पछी त्र्यासी वरस. पंचाणु वरस सातमानो. / / 97 // अठ्ठत्तरं च 8 वासा ततो बावत्तरं च 9 वासाइं / बावट्ठी 10 चत्त 11 खलु सव्वे गणहराऊय एय // 98|| अट्ठहुत्तरि वरस. तिवार पछी बहुत्तरि वरस. बासट्टि वरस. चालीस वरस निश्चइ. सर्वगणधरना आऊषो कह्या. // 98 // सव्वे वि माहणा जच्चा सव्वे अज्झावया विऊ / सव्वे दुवालसंगी य सव्वे चउद(६)सव्विणो // 99 / / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org