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________________ अनुसन्धान ४७ में अपने परिवार सहित यह प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित किया था । (जैसलमेर का यह शिलालेख मेरे द्वारा सम्पादित प्रतिष्ठा लेख संग्रह, लेखांक १४७, पृष्ठ ३४ देखें ।) इसी प्रकार इसी हरिराण द्वारा प्रतिष्ठित अन्य मूर्तियाँ भी प्राप्त हैं, जो निम्न हैं : (२४१) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः ९०||सं० १४९३ वर्षे फाल्गुन वदि १ बुधे ऊकेशवंशे श्रेष्ठि गोत्रे श्रे० मम्मणसंताने श्रे० नरसिंह भार्या धीरिणिः । तयोः पुत्र भोजा हरिराज सहसकरण सूरा महीपति पौत्र गोधा इत्यादि कुटुम्बं ॥ तत्र श्रे० हरिराजेन आत्मनस्तथा भार्या मेघु श्राविकायाः पुत्री कामण काई-प्रभृतिसंततिसहिताया स्व श्रेयसे श्रीआदिनाथबिम्बं कारितं खरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिभिः प्रतिष्ठितम् ॥ (७४३) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः संवत् १५२८ वर्षे आषाढ़ २ दिने ऊकेशवंशे रांकागोत्रे श्रे० नरसिंह भा० धीरणि पुत्र श्रे० हरिराजेन भा० मघाई पु० श्रे० जीवा श्रे० जिणदास श्रे० जगमाल श्रे० जयवंत पुत्री सा० माणकाई प्रमुख परिवारयुतेन श्री आदिनाथबिम्ब पुण्यार्थं कारयामासे प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीश्रीश्रीजिनभद्रसूरिपट्टे श्रीश्रीश्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ॥ (८३६) धर्मनाथ पञ्चतीर्थीः सं० १५३६ वर्षे फागण वदि .... दिने श्रीऊकेशवंशे रांकागोत्रे श्वे० जेसिंघपुत्र श्रे० घिल्ला भा० करणु पु० श्रे० हरिपाल भा० हासलदे पुत्र श्रे० हर्षा भ्रा० जिणदत्तेन भा० कमलादे पुत्र सधरेण सोनापालादि परिवारेण स्वपितृपुण्यार्थ श्रीधर्मनाथबिम्बं का० प्रति० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसूरिपट्टे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः ॥ (८३७) नमिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं० १५३६ वर्षे फा० वदि ........ दिने ऊकेशवंशे रांकागोत्रे श्रे० जेसिंघपुत्र श्रे० घिल्ला भार्या करणू पु० ० हरिपाल भा० हांसलदे पुत्र श्रे० हर्षा भा० ...... श्रे० जिणदत्तेन भा० कमलादे पु० सधारण- सोनापालादिपरिवारेण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.229343
Book TitleKalpasutra Lekhan Prashasti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherZZ_Anusandhan
Publication Year
Total Pages9
LanguageHindi
ClassificationArticle & 0_not_categorized
File Size323 KB
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