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________________ मार्च २०१० २३ भभीक्षण कुं राज मील्यो नेकी का फल सोय माया जोबन राज छक, बदी करो मत कोय. और चुटकारतन चिन्तामण सारखो नरम वहे परधान, देव गुरु धर्मकी दिलमें करो पहिचान दिलमें करो पहिचान दीन दीन आयु छीजे, तप जप करणी नेम संजम उत्तम कीजे नर भव पायो निटसें गाढो करो जतन, वारवार नहि पामस्यो ज्युं चिन्तामणी रतन जैसो मेलो हांटको वैसो हे संसार, __बिछडतां नही बार हे तन धन अरु परिवार तन धन अरु परिवार संध्या रंग समाना, डाम अणी जल बीद पको तखर पांना पडतां वार न लागशी रुपाल जगत का असा, दयाधरम तन्त सार हे सुधर्म स्वामी जेसा रयण दिवस जो जात है पाछी नही आवंत, नीर फले जावे पाप में भजे नहि भगवन्त भजे नहि भगवन्त रहेवि खिया रस रातो, हांसी वि कथा वारता करे पराइ तातो सांच जूठ अति केलवे नहीं सूणे जिन रयणां, धंधामांही दिन गुमावे सोय गुमावी रयणां दोहा लिख्यते मीठा मीठा जगे घणा कडवा मीले न कोइ खांड पीयां कफ उपजे, नीम पीयां सुख होय खम दम सरल सुभावतां, मद गाली हलवा होय सांच दया तपसी भला, ज्ञानी ब्रह्मचारी जोय
SR No.229337
Book TitleGudartha Dohao ane Anya Samagri Paramparagat Lokvarsanu Jatan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNiranjan Rajyaguru
PublisherZZ_Anusandhan
Publication Year
Total Pages20
LanguageHindi
ClassificationArticle & 0_not_categorized
File Size110 KB
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