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________________ ठीक-ठाक करने के लिए आरंभ-समारंभ होने जैसा कुछ भी प्रपंच न हो, तो साधू आषाढ़ पूर्णिमा को ही पर्युषण कर ले। यदि ऐसा अनुकूल क्षेत्र या मकान न मिले, तो फिर आसपास योग्य क्षेत्र एवं मकान तलाश करता रहे, और जब भी अनुकूल मिल जाए, तब पर्युषण कर ले। पर्युषण करते समय पर्व दिन का ध्यान अवश्य रखे। सावन बदी एकम से पाँच-पाँच दिन के क्रम से पर्व दिन होता है, अतः पाँच-पाँच दिन की वृद्धि के क्रम से अन्तिम एक महीना बीस रात्रि व्यतीत होने पर भाद्रपद शुक्ला पंचमी को तो पर्युषण अवश्य कर ही लेना चाहिए। मकान न मिले, तब भी क्या, वृक्ष के नीचे ही रहकर पर्युषण अर्थात् वर्षावास के शेष जघन्य 70 दिन बिताए। उक्त कथन पर से स्पष्ट है कि एक महीना बीस रात्रि वाला उल्लेख कारणिक है, विशेष परिस्थिति मूलक है, अतः अपवाद है। इस संबंध में अमर भारती के गत पर्युषण विशेषांक में विस्तार के साथ प्रमाण उपस्थित कर चुका हूँ। संक्षेप में पुनः स्मृति के लिए कुछ प्रमाण इस प्रकार है"एत्थ उ पणगं पणगं कारणियं जाव सबीसतीमासो।" -निशीथ भाष्य, 3152 “ततो सावण बहुल पंचमीए पज्जोसवेति, खेत्ताभावे कारणे पणगे संवुड्ढे दसमीए पन्जोसवेंति, एवं पण्णरसीए। पणगबुड्ढीए ताव कन्जति जाव सवीसतिमासो पुण्णा, सो य सवीसतिमासो च भद्दवयसुद्धपंचमीए पुज्जति।" -निशीथ चूर्णि, 3152 "आषाढ़ पुण्णिमाए पज्जोसवेंति, एस उस्सग्गो। सेसकालं पज्जोसवेंताण अववातो। अववाते वि सवीसतिरातमासातो परेण अतिक्कमेउं ण वट्टति। सवीसतिराते मासे पुण्णे जति वासखेत्तं ण लब्भति तो रुक्खहेट्ठा वि पज्जोसवेयव्वं।" __-निशीथ चूर्णि, 3153 "एवं कारणिकं रात्रिदिवानां पंञ्चकं पंञ्चकं वर्धयता तावद् नेयं यावत् सविंशतिरात्रो मासः पूर्णः। आषाढ़पूर्णिमायां 'समवसरणं' पर्युषणं भवति एष उत्सर्गः। शेषकालं पर्युषण मनुतिष्ठतां सर्वोऽप्यपवादः। अपवादेऽपि सविंशतरावाद् मासात् परतो नातिक्रमयितुं कल्पते। यद्य तावत्यपि गते वर्षाक्षेत्रं न लभ्यते ततो वृक्षमूलेऽपि पर्युषणयितव्यम्।" -बृहत्कल्प भाष्य टीका, 8284 ___116 प्रज्ञा से धर्म की समीक्षा - द्वितीय पुष्प Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.212404
Book TitleParyushan Ek Aetihasik Samiksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherZ_Pragna_se_Dharm_ki_Samiksha_Part_02_003409_HR.pdf
Publication Year2009
Total Pages31
LanguageHindi
ClassificationArticle, 0_not_categorized, & Paryushan
File Size1 MB
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