________________ 32 फिलासफी एण्ड सोशल एक्शन पंथर के आन्दोलन पर चुप रह गए / काश साम्यवादी दल भारतीय परिस्थितियों को परख पाता। दलित वर्ग को एक नारी प्रधान मंत्री पाकर बहुत संतोष हुआ था किन्तु वह भी जगद्गुरू शंकराचार्य के पैर छूने वाली और ढोल, गंवार, शूद्र, पशु नारी' को एक श्रेणी में रखने वाले कविश्री तुलसी के रामचरित मानस के चतुःशती समारोह समिति की अध्यक्षता स्वीकार करने वाली ही निकली। दलित छात्र संघ सम्पूर्ण दलित वर्ग और विशेषकर इस वर्ग के बुद्धिजीवियों को सचेत कर देना चाहता है कि वह जयप्रकाश के आंदोलन से सचेत रहें / दलित छात्र संघ जिन आंदोलनों को चला रहा है उसके ये दुश्मन हैं / जयप्रकाश जी ने मौजूदा परिस्थिति को दिग्भ्रमित कर दलित क्रांति की सम्भावनाओं को छिन्न-भिन्न कर दिया है / हम आर्थिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर एक साथ परिवर्तन चाहते हैं / आर्थिक मोर्चे पर हम जहां सम्पूर्ण उद्योग और कृषि का राष्ट्रीयकरण चाहेंगे वहीं सामाजिक धरातल पर अन्तर्जातीय विवाहों के आंदोलन को तीव्र करना, वैषम्य वर्द्धक पुरानी पोथियों को मिटाना और विषमता को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध सीधा संघर्ष करना चाहेंगे। हम दलितों को स्वयं अपने पैरों पर खड़ा होना है। दलित क्रांति की भूमिका हमें स्वयं बनानी है। हमें यह बात जान लेनी है कि भारत में समाजवाद की स्थापना के लिए सत्ता का शूद्रीकरण परमावश्यक है। हमारे आंदोलन में सब लोग सहयोग करें हमें खुशी होगी; सामाजिक चेतना की दिशा में एक और कदम है। इसके ग्राहक बनिये व पुस्तकालयों में रखवाइये। प्रथमांक की प्रतियां समाप्त हो चुकी हैं। यदि आपके पास हो तो हमें लौटा दें, हम नये अंक की प्रति निःशुल्क भिजवा देंगे। --सम्पादक